सूचना और प्रसारण मंत्री (Ministrer of Information and Broadcasting) प्रकाश जावडेकर ने संसद में बताया है कि OTT प्लेटफॉर्म्स को लेकर जल्द ही गाइडलाइंस जारी करेगी. जावडेकर ने कहा कि 'हमें कई सारे सुझाव और शिकायतें मिल रहीं थीं, गाइडलाइंस और डायरेक्शन करीब करीब तैयार हैं, जल्द ही इसे लागू किया जाएगा'
इस मुद्दे को बीजेपी के सांसद महेश पोद्दार (Mahesh Poddar) ने राज्य सभा में उठाया. उन्होंने कहा कि देश में आसानी से उपलब्ध इंटरनेट की सुविधा के साथ-साथ नेटफ्लिक्स (Netflix) जैसे कई OTT प्लेटफॉर्म तेजी से बढ़े हैं. कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से थिएटर बंद हो गए. मनोरजंन के साधन बंद होने से OTT प्लेटफॉर्म की पहुंच काफी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि, 'इसके साथ ही इसने हमारे देश के युवाओं पर गलत प्रभाव भी डाला, हमारी संस्कृति और मान्यताओं पर सीधा हमला किया.
झारखंड से बीजेपी सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि 'ओटीटी प्लेटफॉर्म की भाषा और कंटेन्ट में सेक्सुअल डिस्क्रिमिनेशन अथवा जेंडर डिस्क्रिमिनेशन साफ झलकता है. ऐसे सार्वजनिक माध्यमों पर महिलाओं के बारे में अश्लील शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है. ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लील और फूहड़ भाषा का इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे में जरूरी है कि सरकार बिना देरी किए तुरंत इंटरनेट रेगुलेशन लागू करे'
OTT प्लेटफॉर्म के लिए रेगुलेशन आने के बाद करीब 40 OTT प्लेटफॉर्म्स हैं जिन पर असर पड़ेगा. इसमें Netflix, Amazon Prime और HotStar (Disney Plus) शामिल हैं. The Economic Times में छपी खबर के मुताबिक 'इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने अपना सेल्फ रेगुलेशन टूलकिट तैयार कर लिया है जिसमें कई तरह की गाइडलाइंस हैं.' IAMAI के मुताबिक मार्च-अप्रैल से वेरिफिकेशन शुरू होगा जिससे अगस्त तक कोड को पूरी तरह से लागू किया जा सके' आपको बता दें कि सितंबर 2020 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने IAMAI OTT प्लेटफॉर्म के सेल्फ रेगुलेटरी मॉडल को सपोर्ट करने से मना कर दिया था. नवंबर में सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर्स को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन कर दिया था.
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