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इन इंड‍ियंस ने Puma-Nike जैसे ब्रांड को दी टक्‍कर, सस्ते फुटव‍ियर बेच कमा रहे करोड़ों

Indian Shoes Brands: फुटव‍ियर के कई ऐसे स्‍वदेशी ब्रांड हैं ज‍िन्‍होंने इंटरनेशनल ब्रांड प्‍यूमा, नाइकी, एडिडास और रीबॉक आद‍ि को टक्‍कर दी है. छोटे लेवल पर शुरू हुए इन ब्रांड की देश-व‍िदेश में तूती बोलती है.

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मार्केट में बादशाहत कायम करने के साथ ही ये कंपन‍ियां करोड़ों की कमाई भी कर रही हैं. आज हम आपको बताते हैं ऐसे ही मेड इन इंड‍िया ब्रांड्स (Made In India Brands) और उनके माल‍िकों के बारे में, जो आज देश-व‍िदेश में परचम लहरा रहे हैं. इनकी कमाई के बारे में पढ़कर आपको भी आश्‍चर्य होने लगेगा.

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रेड चीफ के माल‍िक मनोज ज्ञानचंदानी ने 1995 में यूरोप में चमड़े के जूतों के निर्यात के लिए लीयान ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की. 1997 में उन्होंने लीयान ग्लोबल के तहत रेड चीफ ब्रांड लॉन्च कर द‍िया. 2011 में इस जूता व्यपारी ने कानपुर में पहला एक्सक्लूसिव रेड चीफ आउटलेट शुरू किया. आज रेड चीफ के यूपी समेत 16 राज्यों में 175 स्टोर हैं. रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में की गई फाइलिंग के अनुसार 2021 में कंपनी सालाना 324 करोड़ से ज्‍यादा का बिजनेस करती है.

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वुडलैंड (Woodland) की स्थापना कनाडा के क्यूबेक में की गई लेकिन इसकी नींव भारत से ही है. मूलरूप से भारत से जुड़े अवतार सिंह ने 1980 में वुडलैंड की पेरेंट कंपनी एयरो ग्रुप की स्थापना की. वुडलैंड का प्रमुख निर्माण केंद्र नोएडा में ही है. वुडलैंड की हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 8 फैक्ट्री हैं, जो 70 प्रत‍िशत तक की ड‍िमांड पूरी करती हैं. वुडलैंड सालाना 1,250 करोड़ रुपये का कारोबार करती है.

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लखानी की शुरुआत 1966 में परमेश्वर दयाल लखानी ने की थी. लखानी पर‍िवार के दूसरी पीढ़ी के कारोबारी मयंक लखानी ने सफर को आगे बढ़ाया और इसे अच्‍छी पहचान द‍िलाई. कंपनी सालाना 150 से 200 करोड़ रुपये का कारोबार करती है.

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