GST के फर्जी बिल (Fake Invoices), गलत तरीके से इनपुट क्रेडिट (Input credit) हासिल करने और शेल कंपनियां (Shell Companies) बनाकर टैक्स चोरी (Tax Evasion) करने के मामले तेजी से बढ़े हैं, GST अथॉरिटीज ने ऐसे लोगों की धरपकड़ तेज कर दी है.
livemint में छपी खबर के मुताबिक जिन GSTIN ने 6 महीने तक GSTR-3B रिटर्न दाखिल नहीं किया था, उन्हें पहले तो नोटिस दिया गया इसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया. 28,635 दूसरे टैक्सपेयर्स की भी पहचान की गई है, जिन्होंने 1 दिसंबर तक 6 महीने से ज्यादा समय से टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया है.
इस कार्रवाई में 132 लोगों को अबतक गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें 4 चार्टर्ड अकाउंटेंट (CAs) भी शामिल हैं, इन पर गलत तरीके से टैक्स क्रेडिट लेने का आरोप है. अधिकारियों ने 4,586 फर्जी रजिस्टर्ड कंपनियों (entities) के खिलाफ 1430 केस भी दर्ज किए हैं.
GST अधिकारियों ने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट अक्षय जैन को विशाखापत्तनम से गिरफ्तार किया है. जिसने 14 फर्जी कंपनियां बनाकर बिना फूड सप्लाई के इनवॉयस जेनरेट कीं. चार्टर्ड अकाउंटेंट ने 20.97 करोड़ रुपये का सर्टिफिकेट जारी किया. इस मामले में जांच जारी है.
इसके अलावा 21 अगस्त 2020 से 16 नवंबर 2020 तक जिन लोगों को 720 डीम्ड रजिस्ट्रेशन (Deemed registrations) जारी किए गए थे और उनका आधार वेरीफिकेशन नहीं करवाया गया था, इनमें से 55 रजिस्ट्रेशन में गलतियां मिली हैं, इन मामलों में भी रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है
फर्जी बिलों का इस्तेमाल टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और पैसों को कंपनी से दूसरी जगह डायवर्ट करने में किया जाता है. इसका इस्तेमाल कंपनी की बुक में उलटफेर करके बैंकों से लोन लेने के लिए भी किया जाता है.
डायरेक्ट और इनडायरेक्ट अथॉरिटीज टेक्नोलॉजी और डाटा एनालिसिस के जरिए ऐसी कंपनियों पर अपनी सख्ती बढ़ा रही हैं, जिनका कंप्लायंस ट्रैक रिकॉर्ड पहले से ही काफी खराब रहा है. सरकार ने शेल कंपनियां बनाकर फ्रॉड करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए GST रजिस्ट्रेशन के लिए आधार ऑथेंटिकेशन की शुरुआत भी की है.
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