Sovereign Gold Bond: आज आपके पास फायदे वाला सोना खरीदने का आखिरी मौका है. सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21 की 10वीं सीरीज (Tranche-X ) आज बंद हो रही है. ये स्कीम 11 जनवरी को निवेश के लिए खुली थी, आज इसमें निवेश का आखिरी दिन है. बीते 6 महीने से मार्केट में सोने की कीमतें 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर बनी हुई हैं. हालांकि MCX पर सोने का रेट आजकल 50,000 रुपये के नीचे चल रहा है. MCX पर सोने का वायदा अपनी ऊंचाई से करीब 7 हजार रुपये तक सस्ता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने इस बार सॉवरेनट गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस (Issue Price) 5,104 रुपये प्रति ग्राम तय किया है. RBI ने 8 जनवरी को इसका ऐलान किया था, जो 11 जनवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था. इस इश्यू का सेटलमेंट 19 जनवरी को होगा.
अगर आप डिजिटल पेमेंट के जरिए इसमें निवेश करते हैं तो आपको 50 रुपये प्रति ग्राम की अतिरिक्त छूट मिलेगी. यानी आप 1 ग्राम गोल्ड 5054 रुपये के भाव पर खरीद सकेंगे. मतलब 10 ग्राम के लिए आपको 50540 रुपये चुकाने होंगे. यानी 10 ग्राम की खरीद पर आप 500 रुपये डिस्काउंट पा सकते हैं.
इस स्कीम के तहत आप कम ये कम 1 ग्राम और ज्यादा से ज्यादा 500 ग्राम सोने की खरीद कर सकते हैं. इसको हम फायदे वाला सोना इसलिए कह रहे हैं क्योंकि Gold Bond में निवेश करने से आपको टैक्स छूट भी मिलती है. गोल्ड बॉन्ड में आपको सरकार सालाना 2.5 परसेंट का ब्याज भी देती है. यानी आपको सोने की बढ़ती कीमतों के अलावा ब्याज भी अलग से मिलता है. इस स्कीम के तहत एक वित्त वर्ष में कोई भी अधिकतम 4 किलो तक गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है.
सॉवरेन गोल्ड ब्रॉन्ड में निवेशक को फिजिकल रूप में सोना नहीं मिलता. यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित है. इसमें निवेश करने वालों के गोल्ड बॉन्ड सर्टिफिकेट (Gold Bond Certificate) दिया जाता है. और मैच्योरिटी पूरा होने के बाद जब निवेशक इसे भुनाने जाता है तो उसे उस वक्त के गोल्ड वैल्यू के बराबर पैसा मिलता है.
अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास PAN होना जरूरी है. इसे आप सभी कमर्शियल बैंक (RRB, छोटे फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक को छोड़कर), डाकघर, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) या सीधे एजेंट्स के जरिए आवेदन कर सकते हैं.
जिन निवेशकों ने नवंबर 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के पहले इश्यू को सब्सक्राइब किया था, उन्हें बीते पांच सालों में करीब 93 परसेंट का रिटर्न मिल चुका है. ये बॉन्ड आठ साल में मैच्योर होते हैं, लेकिन निवेशक के पास पांच साल बाद बाहर निकलने का विकल्प होता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक लंबे समय का निवेश है. जब आप इसको भुनाएंगे तब आपको क्या कीमत मिलेती ये उस वक्त मार्केट में गोल्ड के भाव पर निर्भर करेगा.
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