Business Plan: नौकरी का कुछ भरोसा नहीं है, आज है कल नहीं. कोरोना महामारी के दौरान करोड़ों लोगों ने अपनी नौकरियों से हाथ धोया है और कई बिजनेस चौपट हो गए. ऐसे में कोई ऐसा बिजनेस करना चाहिए जो सदाबहार हो, जिसकी जरूरत हमेशा बनी रहे और इसे शुरू करने में ज्यादा पैसा भी न लगाना पड़े.
सैनेटर नैपकिन का बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जिसकी डिमांड हमेशा रहती है. ये एक ऐसा बिजनेस है जिसका कोई एक सीजन नहीं होता. इस बिजनेस को करने के लिए आपको सरकारी मदद भी मिलती है. सेनेटरी नैपकिन यूनिट लगाने में ज्यादा खर्च नहीं आता है. इसकी यूनिट लगाने के लिए आपको अपनी जेब से 15,000 रुपए लगाने होंगे.
सैनेटरी नैपकिन का बिजनेस शुरू करने के आपको सरकार मुद्र लोन स्कीम के तहत (Mudra Loan Scheme) सस्ती दरों पर लोन भी देती है. इस बिजनेस के जरिए आप पहले साल 1 लाख 10 हजार रुपए तक कमा सकते हैं, जबकि अगले साल से आपका मुनाफा बढ़ता जाएगा.
रोजाना 180 पैकेट के उत्पादन वाले यूनिट लगाने पर 1.45 लाख रुपए खर्च आएगा. इसका 90 परसेंट यानी 1.30 लाख रुपए का मुद्रा स्कीम से लोन ले सकते हैं. बाकी 15 हजार आपको अपनी जेब से लगाना होगा.
सरकार ने सैनेटरी नैपकिन बिजनेस का एक प्रोजेक्ट तैयार किया है. प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक, सैनेटरी नैपकिन यूनिट के लिए सॉफ्ट टच सीलिंग मशीन, नेपकिन कोर डाइ, यूवी ट्रीट यूनिट, डिफाइबरेशन मशीन, कोर मॉर्निंग मशीन लगाने होंगे. इस पर 70,000 रुपए का खर्च आएगा. मशीन खरीदने के बाद रॉ-मेटेरियल जैसे वुड पल्प, टॉप लेयर, बैक लेयर, रिलीज पेपर, गम, पैकिंग कवर का इंतजाम करना होगा. रॉ-मेटेरियल पर्चेज पर 36,000 रुपए का खर्च आएगा.
एक साल में 300 दिन अगर आपकी यूनिट चालू रहती है तो करीब 54,000 (180x300=54,000) सेनेटरी नैपकिन पैकेट का उत्पादन हो सकता है. इतने पैकेट के उत्पादन पर सालाना करीब 5.9 लाख रुपए का खर्चा आएगा. रिपोर्ट के अनुमान के मुताबिक सेनेटरी नेपकिन का एक पैकेट का थोक रेट 13 रुपए है तो कुल बिक्री 7 लाख रुपए होगी. यानी मुनाफा 1 लाख रुपये से ज्यादा होगा.
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको कोई बड़ी फैक्ट्री या प्लांट नहीं डालना है, ये बिजनेस आप एक छोटे से कमरे में शुरू कर सकते हैं. अगर आप सेनेटरी नैपकिन का छोटा सा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आप केवल 16x16 वर्ग फुट के कमरे में सेनेटरी नैपकिन यूनिट लगा सकते हैं.
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