पणजी: रेलमंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारतीय रेल के कुछ खंडों को निवेश के वास्ते निजी क्षेत्र के लिए खोला जा सकता है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र लाइसेंस फीस के बदले में इन खंडों पर अपने रेलमार्ग का संचालन कर सकता है। 


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गोयल ने कहा कि अगर भारतीय रेल का अगले पांच साल में आधुनिकीकरण और देशभर में रेलवे की सुविधा का विस्तार करना है तो इसके लिए 50 लाख करोड़ रुपये जुटाने के लिए निजी क्षेत्र का निवेश जरूरी है। 


वह गोवा में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के सदस्यता अभियान का आगाज करने के सिलसिले में यहां पहुंचे थे।  उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित करने को लेकर सरकार खुले दिमाग से विचार कर रही है, लेकिन भारतीय रेल का निजीकरण नहीं किया जाएगा। 


'हम भारतीय रेल का विकास चाहते हैं'
गोयल ने कहा, 'अलग-अगल मॉडल है, जिनका हम अनुकरण कर सकते हैं। हम भारतीय रेल का विकास चाहते हैं। कुछ क्षेत्र हो सकते हैं जहां निजी क्षेत्र अपनी लाइन बिछा सकता है। हमें कोई समस्या नहीं होगी। वे हमसे लाइसेंस ले सकते हैं। रेलवे अपना राजस्व बढ़ाने में सक्षम होगी। अगर इसका राजस्व बढ़ेगा तो यह अपने यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने में समर्थ होगी।'