टैरिफ प्लान में हुई बढ़ोतरी का असर आने वाले समय में करोड़ों कस्टमर की जेब पर पड़ेगा. इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार टैरिफ प्लान की कीमत बढ़ने से भारतीय ग्राहकों को सालाना 47,500 करोड़ रुपये ज्यादा खर्च करने पड़ सकते हैं.
Trending Photos
Telecom Tariff Hikes: देश की तीन सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने हाल ही में अपने टैरिफ प्लान के रेट में इजाफा किया है. कंपनियों की तरफ से टैरिफ प्लान में 27 प्रतिशत तक का इजाफा किया गया है. टैरिफ प्लान में हुई बढ़ोतरी का असर आने वाले समय में करोड़ों कस्टमर की जेब पर पड़ेगा. इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार टैरिफ प्लान की कीमत बढ़ने से भारतीय ग्राहकों को सालाना 47,500 करोड़ रुपये ज्यादा खर्च करने पड़ सकते हैं.
टैरिफ प्लान के रेट में 27% तक का इजाफा किया गया
टैरिफ प्लान में इजाफा नई 5G सर्विस से कमाई करने और 2016 से चली आ रही टेलीकॉम कंपनियों के बीच कीमत को कम रखने की जंग को खत्म करने के लिए की गई है. आपको बता दें रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने पिछले दो दिन में कीमत में इजाफा किया है. रिलायंस जियो टैरिफ प्लान की कीमत में 13%-27% तक, भारती एयरटेल ने 10%-21% तक और वोडाफोन आइडिया ने 10-23% तक दाम बढ़ाए हैं.
239 की बजाय अब 349 रुपये खर्च करने होंगे
पहले जियो का 1.5 GB प्रतिदिन डाटा वाला प्लान के लिए 239 रुपये खर्च करने होते थे. लेकिन अब आपको उतना डाटा पाने के लिए कम से कम 349 रुपये का 2GB प्रतिदिन डाटा वाला प्लान लेना होगा. कुछ ऐसा ही मामला एयरटेल के साथ भी है. पहले डेढ़ 1.5 GB डाटा प्रतिदिन वाला 239 रुपये का प्लान था. लेकिन अब 5G के लिए कम से कम 409 रुपये का 2.5 GB प्रतिदिन वाला प्लान लेना होगा.
भारती एयरटेल के एमडी गोपाल विट्टल और वोडाफोन आइडिया के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने देश की टेलीकॉम इंडस्ट्री की स्थिति पर बात की थी. इसमें बताया गया था कि प्राइसिंग स्ट्रक्चर में बदलाव करना होगा. दुनियाभर के दूसरे देशों में लोग ज्यादा डाटा यूज करने के लिए ज्यादा पेमेंट करते हैं. देश में मोबाइल कंपनियों के बीच प्राइस वॉर सबसे पहले जियो ने शुरू किया था. जियो ने ही सबसे पहले दाम कम करके ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को जोड़ा था. इसके बाद Airtel और Vodafone जैसी दूसरी कंपनियों को अपना कस्टमर बेस कम होने का खतरा सताने लगा. इसके बाद इन्होंने भी अपने प्लान की कीमत में कटौती की.