SBI, BoB समेत 14 बैंकों पर रिजर्व बैंक ने लगाया 14.5 करोड़ का जुर्माना, जानिए आप पर क्या होगा असर
RBI Imposed Penalty: 14 बैंकों पर कुल 14.5 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई गई है, जिसमें 2 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी पेनल्टी बैंक ऑफ बड़ौदा पर लगी है. बैंकों ने जिन नियमों का उल्लंघन किया है उनमें NBFCs को लोन देने और NBFCs को बैंक फाइनेंस करने से जुड़े नियमों की अनदेखी करना शामिल है.
मुंबई: RBI Imposed Penalty: अगर आपका खाता SBI, Bank of Baroda, IndusInd Bank और Bandhan Bank में है तो आपके लिए खबर जरूरी है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इन चार बैंकों समेत 14 बैंकों पर पेनल्टी लगाई है. इन सभी को कई रेगुलेटरी नियमों के उल्लंघन को दोषी पाया गया है.
14 बैंकों पर 14.5 करोड़ पेनल्टी
इन सभी 14 बैंकों पर कुल 14.5 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई गई है, जिसमें 2 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी पेनल्टी बैंक ऑफ बड़ौदा पर लगी है. इसके बाद 1 करोड़ रुपये की पेनल्टी बंधन बैंक, बैंक ऑफ महारष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, क्रेडिट सुईस एजी, इंडियन बैंक, इंडसइंड बैंक, कर्नाटक बैंक, करुर वैश्य बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, साउथ इंडियन बैंक, द जम्मू एंड कश्मीर बैंक और उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक शामिल हैं. 50 लाख रुपये की सबसे छोटी पेनल्टी देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर लगी है.
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बैंकों पर इसलिए लगी पेनल्टी
RBI ने कहा कि "कंपनीज ऑफ ए ग्रुप" के खातों की जांच करने पर पता चला कि बैंक कुछ नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. इसके लिए बैंकों को नोटिस भी जारी किया गया और उनसे इस बाबत जवाब मांगा गया. बैंकों से कहा गया कि उनके खिलाफ बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के निर्देशों का पालन नहीं करने लिए जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए. रिजर्व बैंक ने बयान जारी करके बताया है कि बैंकों ने जिन नियमों का उल्लंघन किया है उनमें NBFCs को लोन देने और NBFCs को बैंक फाइनेंस करने से जुड़े नियमों की अनदेखी करना शामिल है.
ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा असर
रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकों में लार्ज कॉमन एक्सपोजर्स की सेंट्रल रिपॉजिटरी, सेंट्रल रिपॉजिटरी ऑफ इनफॉर्मेशन ऑन लार्ज क्रेडिट्स (CRILC) की रिपोर्टिंग, स्मॉल फाइनेंस बैंक की ऑपरेटिंग गाइडलाइंस से जुड़े नियमों की अनदेखी की गई है. इसके साथ ही बैंकों ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट-1949 के सेक्शन 19(2) और सेक्शन 20(1) का उल्लंघन किया है. हालांकि रिजर्व बैंक ने ये साफ किया है कि बैंकों पर यह जुर्माना Regulatory compliance में कमी को लेकर लगाया गया है, इसका ग्राहकों के किसी लेन-देन से कोई मतलब नहीं है.
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