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नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने तत्काल भुगतान सेवा यानी IMPS के जरिये रोजाना फंड ट्रांसफर की लिमिट को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है. 6 से 8 अक्टूबर तक रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की द्विमासिक बैठक चली. इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. इसके बाद, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने सारी जानकारी दी.
गौरतलब है कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की Immediate Payment Service (IMPS) के जरिये कोई भी व्यक्ति हफ्ते के किसी भी दिन और 24 घंटे फंड ट्रांसफर कर सकता है. यह सुविधा इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग ऐप, बैंक शाखाओं, एटीएम, एसएमएस और आईवीआरएस जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से मिलती है. आपको बता दें कि यह सर्विस 2014 में शामिल की गई थी.
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आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि RBI ने प्रमुख ब्याज दरों में एक बार फिर से कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. ऐसे में, रेपो रेट (Repo Rate) को 4 फीसदी, जबकि रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) को 3.35 फीसदी पर बनाए रखा गया है. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने 2021-22 के लिए जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) के अनुमान को भी 9.5 फीसदी पर बनाए रखा रखा है.
इसके साथ ही आपको बता दें कि SMS और IVRS चैनल के लिए प्रति ट्रांजैक्शन लिमिट 5000 है. इसके अलावा RTGS भी अब राउंड द क्लॉक हो रहा है. RBI ने बताया है कि RTGS के बाद अब IMPS के सेटलमेंट साइकिल को बढ़ाने के लिए ये फैसला लिया गया है. IMPS लिमिट बढ़ने से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा. यानी अब ग्राहक दो लाख रुपये से अधिक के डिजिटल पेमेंट आसानी से कर पाएंगे.