कितने तरह के होते हैं Savings Account? कौन सा आपके लिए होगा बेस्ट, यहां समझिए
Advertisement
trendingNow11073401

कितने तरह के होते हैं Savings Account? कौन सा आपके लिए होगा बेस्ट, यहां समझिए

कुल 6 तरह के सेविंग अकाउंट होते हैं. कामकाजी लोगों के लिए अलग, बुजुर्गों के लिए अलग, महिलाओं के लिए अलग और बच्चों के लिए अलग तरह का सेविंग अकाउंट होता है. आइए जानते हैं कौन स सेविंग अकाउंट आपके लिए बेस्ट होगा. 

Savings Bank Account

नई दिल्ली: हम में से ज्यादातर लोग सेविंग बैंक अकाउंट (Saving Bank Account) का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके लिए कौन सा सेविंग अकाउंट फिट रहेगा, क्योंकि जरूरत के हिसाब सेविंग अकाउंट्स भी अलग अलग होते हैं. कामकाजी लोगों के लिए अलग, बुजुर्गों के लिए अलग, महिलाओं के लिए अलग और बच्चों के लिए अलग तरह का सेविंग अकाउंट होता है. इस तरह कुल मिलाकर 6 तरह के सेविंग अकाउंट होते हैं. चलिए एक एक करके समझते हैं. 

  1. 6 तरह के होते हैं सेविंग्स बैंक अकाउंट
  2. जरूरत के हिसाब से ऐसे करें चयन
  3. यहां समझिए सभी की डिटेल 

रेगुलर सेविंग्स अकाउंट 

ये कुछ बेसिक शर्तों पर खोला जाता है. इस तरह के अकाउंट में किसी तय रकम का रेगुलर डिपॉजिट नहीं होता है, इसका इस्तेमाल एक सेफ हाउस की तरह होता है, जहां पर आप अपना पैसा बस रख सकते हैं. इसमें मिनिमम बैलेंस की शर्त भी होती है. 

ये भी पढ़ें- एसबीआई ने 40 करोड़ ग्राहकों को किया अलर्ट! बंद हो सकती है आपकी बैंकिंग सेवा, जानिए वजह

सैलरी सेविंग्स अकाउंट 

इस तरह के अकाउंट कंपनियों की तरफ से बैंकों द्वारा उनके कर्मचारियों के लिए खोला जाता है. इस तरह के अकाउंट के लिए बैंक ब्याज ऑफर करते हैं. इसका इस्तेमाल कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए होता है. जब भी सैलरी देने का वक्त आता है, कंपनी के खाते से बैंक पैसा निकालकर कर्मचारियों के खाते में डाल देता है. इस तरह के अकाउंट के लिए कोई मिनिमम बैलेंस की शर्त नहीं होती है. अगर तीन महीने तक सैलरी नहीं आती है तो ये रेगुलर सेविंग अकाउंट में बदल जाता है. 

जीरो बैलेंस सेविंग्स अकाउंट 

इस तरह के अकाउंट में सेविंग और करेंट अकाउंट दोनों की खूबियां होती हैं. इसमें निकासी की एक सीमा होती है, मतल लिमिट से ज्यादा आप पैसा नहीं निकाल सकते. लेकिन आप पर कोई पेनल्टी भी नहीं लगती है अगर बैलेंस कम होता है. 

ये भी पढ़ें- महंगाई भत्ते के कैलकुलेशन में हुआ बड़ा बदलाव! जानिए अब कितनी आएगी आपकी सैलरी

माइनर्स सेविंग अकाउंट

ये बच्चों के लिए के लिए होता है, इसमें मिनिमम बैलेंस की कोई जरूरत नहीं होती. ये सेविंग अकाउंट बच्चों की पढ़ाई के लिए उनकी बैंकिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए होता है. इस तरह के बैंक अकाउंट को कानूनी गार्जियन की देखरेख में ही खोला और ऑपरेट किया जाता है. जब बच्चा 10 साल का हो जाता है तब वो अपना खाता खुद ऑपरेट कर सकता है. जब बच्चा 18 साल का होता है तो ये रेगुलर सेविंग अकाउंट में तब्दील हो जाता है. 

सीनियर सिटिजंस सेविंग्स अकाउंट 

ये बिल्कुल रेगुलर सेविंग्स अकाउंट की तरह ही काम करता है, लेकिन रेगुलर के मुकाबले सीनियर सिटिजंस को ये ज्यादा ब्याज दरें ऑफर करते हैं. इसलिए सीनियर सिटिजंस को ये अकाउंट ही खुलवाना चाहिए क्योंकि इसमें ब्याज ज्यादा मिलता है. ये बैंक अकाउंट सीनियर सिटिजंस की सेविंग स्कीम्स से भी लिंक रहता है, जिससे पेंशन फंड या रिटायरमेंट अकाउंट्स से फंड निकाला जाता है और जरूरतें पूरी की जाती हैं. 

महिला सेविंग अकाउंट्स 

इस तरह के बैंक अकाउंट खास तौर पर महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं. जिसमें कई कुछ अलग तरह के फीचर्स होते हैं. महिलाओं को लोन पर कम ब्याज, डीमैट अकाउंट खोलने पर फ्री चार्ज और कई तरह की खरीदारियों पर डिस्काउंट ऑफर किए जाते हैं.

बिजनेस से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

Trending news