NSDL IPO: नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेजको अपना आईपीओ लाने की मंजूरी मिल गई है. मार्केट रेगुलेटर सेबी ने NSDL के IPO को हरी झंडी दिखा दी है. देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी ने जुलाई 2023 में कंपनी ने आईपीओ के लिए सेबी में आवेदन किया था.
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NSDL IPO: नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेज ( NSDL) को अपना आईपीओ लाने की मंजूरी मिल गई है. मार्केट रेगुलेटर सेबी ने NSDL के IPO को हरी झंडी दिखा दी है. देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी ने जुलाई 2023 में कंपनी ने आईपीओ के लिए सेबी में आवेदन किया था. आईपीओ के जरिए कंपनी 57,260,001 शेयरों को बाजार में जारी करेगी. इस आईपीओ के जरिए कंपनी 3000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. बता दें कि NSDL के एक्टिव यूजर्स की संख्या 3.76 करोड़ है. हर दिन औसतन तौर पर 5414 क्लाइंट्स जोड़ गए हैं. बता दें कि 30 सितंबर को इस संबंध में SEBI ने ऑब्जर्वेशन लेटर जारी किया था. यह आईपीओ लंबे समय से चर्चा में था और कंपनी इसके लिए तैयारी कर रही थी.
देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी
NSDL देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी कंपनी है, जो वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. एनएसडीएल की ओर से जमा ड्राफ्ट पेपर के मुताबिक यह पब्लिक इश्यू ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा.जिसके जरिए करीब 5.72 करोड़ शेयरों की बिक्री होगी. आपको बता दें कि ओएफएस में पैसा कंपनी के निवेशकों के पास जाता है.
4 बैंक बेचेंगे अपनी हिस्सेदारी
IDBI बैंक SBI, HDFC बैंक, NSI और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे. इस आईपीओ के जरिए एचडीएफसी बैंक NSDL में अपनी 2% इक्विटी हिस्सेदारी को बेचेगा. इसी तरह से आईडीबीआई बैंक के पास एनएसडीएल में 26 प्रतिशत है, वह इस आईपीओ में करीब 2.22 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगा. वहीं
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), जिसकी एनएसडीएल में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है, उसकी ओर से पब्लिक इश्यू में 1.8 करोड़ शेयरों की बिक्री की जाएगी. इसी तरह से एसबीआई के पास 5 फीसदी, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पास 2.8 फीसदी और केनरा बैंक के पास 2.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है .
क्या करती है NSDL
NSDL एक वित्तीय कंपनी है. यह कंपनी फाइनेंशियल और सिक्योरिटीज मार्केट्स के तहत प्रोडक्ट्स और सर्विस सेक्टर में काम करती है. साल 1996 से ये कंपनी काम कर रही है. 31 मार्च, 2023 तक एनएसडीएल के एक्टिव यूजर्स, एक्टिव अकाउंट्स, डीमैट निपटान मामले में बाजार में हिस्सेदारी के आधार पर यह देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी थी.