टेलीकॉम कंपनियों को AGR मामले में बड़ी राहत, देखिए सुप्रीम कोर्ट ने कितनी बढ़ाई मोहलत
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टेलीकॉम कंपनियों को AGR मामले में बड़ी राहत, देखिए सुप्रीम कोर्ट ने कितनी बढ़ाई मोहलत

टेलीकॉम कंपनियों को AGR (adjusted gross revenue ) मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने AGR का बकाया चुकाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को 10 साल का वक्त दिया है. इस फैसले से भारती एयरटेल (Bharti Airtel), वोडाफोन (Vodafone) जैसी कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: टेलीकॉम कंपनियों को AGR (adjusted gross revenue ) मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने AGR का बकाया चुकाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को 10 साल का वक्त दिया है. इस फैसले से भारती एयरटेल (Bharti Airtel), वोडाफोन (Vodafone) जैसी कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी. वोडाफोन ने कहा था कि अगर उसे राहत नहीं दी गई तो भारत में अपना कारोबार समेटना पड़ सकता है.

  1. टेलीकॉम कंपनियों को AGR मामले पर मिली बड़ी राहत
  2. AGR चुकान के लिए 10 साल का वक्त मिला
  3. AGR को किश्तों में चुका सकेंगी टेलीकॉम कंपनियां
  4.  

किश्तों में कर सकते हैं AGR पेमेंट
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच में शामिल जस्टिस अरुण मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, टेलीकॉम कंपनियों को कुल AGR का 10 परसेंट अपफ्रंट पेमेंट 31 मार्च तक देना होगा, इसके बाद 1 अप्रैल 2021 से बाकी के पेमेंट शुरू होंगे. 7 फरवरी से हर साल टेलीकॉम कंपनियों को बिना चूके AGR का भुगतान DoT को करना होगा. सालाना पेमेंट में किसी तरह की कोताही होने पर अवमानना की कार्रवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों से कहा कि वो AGR की रकम का भुगतान किश्तों में कर सकती हैं. इसके लिए कंपनियों के सभी मैनेजिंग डायरेक्टर्स, चेयरमैन को हलफनामा देना होगा. 

20 साल की मांगी थी मोहलत
आपको बता दें कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने मार्च में सुप्रीम कोर्ट में AGR चुकाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को 20 साल की मोहलत देने की अपील की थी. जिसमें स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज, लाइसेंस फीस, ब्याज, पेनाल्टी सभी कुछ शामिल है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे नहीं माना. 
टेलीकॉम कंपनियों पर कुल AGR बकाया 1.47 लाख करोड़ रुपये है, इसमें भारती एयरटेल ( Bharti Airtel) पर AGR का 43,780 करोड़ रुपये, वोडाफोन आइडिया पर 58000 करोड़ रुपये बकाया है, यानि इन दोनों का ही बकाया 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है.   
वोडाफोन ने अबतक 7854 करोड़ रुपये ही चुकाए हैं. जबकि एयरटेल ने 18,000 करोड़ रुपये भरे हैं, अभी 25976 करोड़ रुपये उसे और जमा करने हैं. 

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