नई दिल्ली : फेस्टिव सीजन शुरू हो गया है. रेलवे मंत्रालय ने रेल वर्कशॉप में काम करने वाले कर्मचारियों का ओवरटाइम का अलाउंस बढ़ाकर लगभग डबल कर दिया है. इसे रेलवे में इंसेटिव बोनस कहते हैं. यह कर्मचारी को तब मिलता है जब वह ओवरटाइम करता है. 7वें वेतन आयोग ने सिफारिश की थी कि अकुशल कर्मचारी अगर ओवर टाइम करता है तो घंटे के हिसाब से मिलने वाला इंसेटिव बोनस 6760 रुपये से बढ़ाकर 12168 रुपये होना चाहिए.


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दो साल पहले से लागू होगी बढ़ोतरी
सहयोगी वेबसाइट www.zeebiz.com/hindi में प्रकाशित खबर के अनुसार यह इंसेटिव बोनस कर्मचारियों को घंटों के आधार पर मिलता है. अब सभी रेलवे वर्कशॉप और प्रोडक्‍शन यूनिट में कर्मचारी की उपस्थिति दर्ज करने के लिए बॉयोमेट्रिक मशीन लगेगी. इंसेटिव बोनस में यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2017 से लागू मानी जाएगी. यानी रेल कर्मचारियों को अच्‍छा खासा एरियर भी मिलने की उम्‍मीद है.


180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाला इंजन
ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन (AIRF) के जनरल सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि हमने इस इंसेटिव बोनस को भत्‍ते में बदलने की मांग की थी, जो अभी पूरी नहीं हुई है. इंडियन रेलवे के इस फैसले से चितरंजन लोकोमोटिव्‍स वर्क्‍स (CLW) के वर्करों को फायदा होगा. पश्चिम बंगाल के चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (CLW) में एक हाईस्‍पीड लोकोमोटिव (रेल इंजन) तैयार किया गया है, जो 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से दौड़ सकता है.


दरअसल, इन कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत बढ़ा हुआ इंसेटिव बोनस नहीं मिल रहा था. इसे 7वें वेतन आयोग की सिफारिश पर रेलवे बोर्ड की मंजूरी के बाद बढ़ाया गया है. आपको बता दें कि Train 18 (वंदेभारत एक्‍सप्रेस) को रेलवे की ऐसी ही एक फैक्‍टरी में तैयार किया गया था, जहां के कर्मचारियों का अलाउंस बढ़ाया गया है.