Fitment Factor: साल 2016 में जब सातवां वेतन आयोग लागू किया गया तो सिफारिश के आधार पर फिटमेंट फैक्टर को 2.57 रखा गया था. इसके बेस पर न्यूनतम वेतन अभी 18000 रुपये है. 10 साल पूरा होने के बाद अब फिटमेंट फैक्टर से जुड़ा नियम फिर से लागू होने की उम्मीद की जा रही है. आइए जानते हैं इससे सैलरी पर क्या असर होगा?
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8th Pay Commission Lates Update: अगर आप भी केंद्र सरकार के कर्मचारी या फिर पेंशनर हैं तो यह खबर आपके काम की है. सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बेहतर सैलरी और पेंशन देने के लिए आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की मांग पिछले एक साल से की जा रही है. कर्मचारी यूनियनों ने सरकार से भी इस बारे में बात की है. हालांकि, अभी इसको लेकर किसी तरह की पुष्टि नहीं की कई है. कुछ मीडिया रिपोर्ट के आधार पर उम्मीद की जा रही है कि आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 तक बनकर तैयार हो सकता है.
जनवरी 2026 से नया वेतन आयोग लागू होने की उम्मीद
आपको बता दें केंद्र सरकार की तरफ से हर 10 साल के बाद नए वेतन आयोग का गठन किया जाता है. आयोग की सलाह के आधार पर ही सरकारी कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव किया जाता है. मौजूदा सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी, 2016 को लागू किया गया था. इस हिसाब से अगला वेतन आयोग ठीक 10 साल बाद 1 जनवरी, 2026 से लागू किये जाने की उम्मीद है. यदि सरकार जनवरी 2026 से इसे लागू करती है तो इसके लिए आयोग का गठन करना जरूरी होगा.
सातवें वेतन आयोग में क्या हुआ था बदलाव?
सरकारी कर्मचारी यूनियन ने वेतन बढ़ाने के लिए खास तरीके फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.68 का यूज करने की मांग की थी. लेकिन सरकार ने इसे 2.57 करने का फैसला किया है. फिटमेंट फैक्टर एक तरह कैलकुलेशन का तरीका है, सैलरी और पेंशन को कैलकुलेट किया जाता है. इस फैसले के बाद छठे वेतन आयोग के सबसे कम वेतन 7000 रुपये को बढ़ाकर 18000 रुपये कर दिया गया. इसी तरह सबसे कम पेंशन 3500 रुपये से बढ़कर 9000 रुपये कर दी गई. सबसे ज्यादा वेतन 2,50,000 रुपये हो गया और सबसे ज्यादा पेंशन 1,25,000 रुपये हो गई.
आठवें वेतन आयोग में क्या है उम्मीद?
फाइनेंशियल एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर को 1.92 रखा जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो न्यूनतम वेतन बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगा. इसी तरह जो लोग रिटायर हो चुके हैं उन्हें भी पहले से ज्यादा पेंशन मिलेगी. यह बढ़कर 17,280 रुपये तक हो सकती है.
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसी कैलकुलेशन है जिसका यूज सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को कैलकुलेट करने के लिए किया जाता है. आसान शब्दों में यह एक ऐसा नंबर है जिससे कर्मचारी का मूल वेतन इससे गुण करने पर बढ़ जाता है. इसी तरह उसकी कुल सैलरी भी तय होती है. जब किसी नए वेतन आयोग का गठन होता है तो इस फैक्टर में बदलाव होता है. इस बदलाव के कारण कर्मचारियों का मूल वेतन बढ़ जाता है और उनके अन्य भत्ते भी बढ़ जाते हैं.