Gautam Adani Retirement Plan: ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अडानी के रिटायरमेंट के बाद अडानी समूह के चेयरमैन की कुर्सी पर कौन बैठेगा, इसे लेकर स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक करण अडानी और प्रणव अडानी इसके सबसे प्रबल दावेदार होंगे.
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Gautam Adani: अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने अपने रिटारमेंट की प्लानिंग कर ली है. 62 साल के गौतम अडानी कुछ साल में कंपनी की कमान आने वाली पीढ़ी को छोड़कर रिटायरमेंट की तैयारी कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग के साथ इंटरव्यू में गौतम अडानी ने अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग को लेकर बात की. उनके प्लान के हिसाब से वो साल 2030 तक कंपनी की कमान अपने बेटे और भतीजों को सौंप देंगे. गौतम अडानी ने 70 साल की उम्र में रिटायरमेंट की प्लानिंग कर ली है.
इतनी जल्दी रिटायरमेंट क्यों ले रहे हैं गौतम अडानी
गौतम अडानी ने अपने रिटायरमेंट का प्लान तैयार कर लिया है. फिलहाल वो 62 साल के बाद और 70 साल की उम्र तक काम करना चाहते हैं. ब्लूमबर्ग के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वो साल 2030 तक अडानी समूह के चेयरमैन की कुर्सी छोड़ देंगे. उनके रिटायरमेंट के बाद कंपनी की जिम्मेदारी उनके दोनों बेटे और दो भतीजों पर होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि जब अडानी रिटार होंगे तो उनके चार उत्तराधिकारी - बेटे करण अडानी और जीत अडानी के अलावा र उनके भतीजे प्रणव और सागर अडानी परिवार के ट्रस्ट के बराबर के लाभार्थी होंगे.
गौतम अडानी के बाद किसके हाथों में होगी अडानी समूह की कमान
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियों में किसकी क्या जिम्मेदारी होंगी, इसके लिए एक गोपनीय समझौता होगा, जिसमें अडानी समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी और उत्तराधिकारियों के बीच ट्रांसफर की पूरी जानकारी शामिल होगी. बता दें कि वर्तमान में गौतम अडानी के बड़े बेटे करण अडानी अडानी पोर्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं तो वहीं छोटे बेटे जीत अडानी अडानी पोर्ट की जिम्मेदारी संभालते हैं.वहीं प्रणल अडानी अडानी एंटरप्राइजेज के डायरेक्टर हैं तो सागर अडानी अडानी ग्रीन ने एग्जीक्यूटिव डारेक्टर हैं.
अडानी ग्रुप की कुर्सी किसकी ?
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अडानी के रिटायरमेंट के बाद अडानी समूह के चेयरमैन की कुर्सी पर कौन बैठेगा, इसे लेकर स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक करण अडानी और प्रणव अडानी इसके सबसे प्रबल दावेदार होंगे. गौतम अडानी ने कहा,कारोबार की स्थिरता के लिए उत्तराधिकार बहुत महत्वपूर्ण है. मैंने विकल्प दूसरी पीढ़ी पर छोड़ दिया है क्योंकि परिवर्तन जैविक, क्रमिक और बहुत व्यवस्थित होना चाहिए. गौतम अडानी के रिटायरमेंट के बाद संकट या प्रमुख रणनीतियों की स्थिति में संयुक्त निर्णय लिया जाना जारी रहेगा.