नई दिल्ली: लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) को तगड़ा घाटा हुआ है. पिछले लगभग दो महीने में सभी रेस्टोरेंट और फूड आउटलेट्स बंद होने की वजह से जोमैटो को नुकसान झेलना पड़ रहा है. अब कंपनी ने मजबूरन अपने कर्मचारियों की छंटनी का फैसला किया है. साथ ही मौजूदा कर्मचारियों के वेतन में भारी कटौती भी होने की संभावना जताई जा रही है.


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13%  कर्मचारियों की जाएगी नौकरी
कंपनी के सीईओ दीपेंद्र गोयल ने बताया कि पिछले कई महीनों से जोमैटो आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. कारोबार बिलकुल ठप्प पड़ने की वजह से कर्मचारियों को काम पर रखना एक चुनौती है. इसीलिए कंपनी अपने मौजूदा 13 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करेगा. दीपेंद्र ने आगे बताया कि बचे हुए कर्मचारियों को भी रख पाना एक चुनौती है. कंपनी ने फिलहाल बचे कर्मचारियों की सैलरी में भी कटौती करने का फैसला किया है.


मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से खाना ऑर्डर नहीं किया जा रहा है. ऐसे में कर्मचारियों और डिलीवरी बॉय का खर्चा उठा पाना काफी मुश्किल है. इसके अलावा कोरोना वायरस की वजह से निकट भविष्य में लोग रेस्टोरेंट या होटलों से खाना कम ही ऑर्डर करने वाले हैं. ऐसे में जोमैटो जैसे फूड डिलीवरी बिजनेस (Food Delivery Business) को भारी नुकसान होने वाला है. यही कारण है कि कंपनी ने फिलहाल खर्चों को कम करने के उपायों पर काम कर रही है. ताकि लंबे समय तक कंपनी को बचाया जा सके.


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उल्लेखनीय है कि 25 मार्च से देश मे लॉकडाउन लागू है. इसकी वजह से पूरे देश के रेस्टोरेंट, होटल और फूड चेन (Food Chain) बंद हैं. जोमैटो सिर्फ खाना डिलीवरी करने के बिजनेस में है. जाहिर सी बात है कि खाने का कारोबार बंद होने का जोमैटो जैसी फूड डिलीवरी कंपनियों पर भी बुरा असर पड़ा है.


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