Jeewansh Bhardwaj Success Story: सीबीएसई बोर्ड ने कल, 13 मई को 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम जारी कर दिए है. इस समय पूरे देश में सीबीएसई बोर्ड रिजल्ट 2024 को लेकर खबरें सुर्खियों में हैं. भले ही सीबीएसई बोर्ड ने टॉपर्स की लिस्ट जारी नहीं की, लेकिन हाईएस्ट स्कोर गेन करने वाले बच्चों की सक्सेस जोर-जोर से शोर कर रही है. आज हम सफलता की कहानी में एक ऐसे ही स्टूडेंट की कहानी लेकर आए हैं, जिसने सेल्फ स्टडी के दम पर 10वीं में 97.4 प्रतिशत हासिल कर अपने गांव और परिवार का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया है. आइए जानते है जीवांश की सफलता की कहानी और प्रिपरेशन टिप्स. जीवांश की तैयारी के टिप्स हाईएस्ट स्कोर हासिल करने की ख्वाहिश रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए बेहद हेल्पफुल साबित होंगे... 


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बच्चे के साथ-साथ पूरी फैमिली का होता है एग्जाम 
हम बात कर रहे हैं जीवांश भारद्वाज की. हालांकि, यह सब कर पाना जीवांश के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था, लेकिन फैमिली से मिले भरपूर सपोर्ट से उन्होंने यह सफलता पाई है. उनके पिता का नाम गौरव भारद्वाज और मां का नाम हेमलता भारद्वाज है. पिता निजी सेक्टर में जॉब करते है. जीवांश बताते हैं कि उन्हें मम्मी-पापा से पूरा सपोर्ट मिला है. उनकी मम्मी भी बीए ग्रेजुएट हैं, जो पास ही के एक प्राइवेट स्कूल में टीचर की जॉब करती हैं.जीवांश ने बताया कि  पढ़ाई के दौरान घर वालों ने कभी काम नहीं बताया. 


स्कूल आने-जाने में लगता था टाइम 
मथुरा मसानी रोड पर सरस्वती कुंड के पास स्थित कान्हा माखन पब्लिक स्कूल में पढ़ते है. राया से स्कूल जाने में जीवांश को लगभग तीन घंटे लग जाते थे.  ऐसे में एग्जाम से करीब 3 से 4 महीने पहले जीवांश ने अपने ताऊजी के पास मथुरा में ही रहकर परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लिया, ताकि समय बर्बाद न हो और पढ़ाई को ज्यादा से ज्यादा समय दिया जा सके.  


तैयारी का पैटर्न
जब तक जीवांश रेग्यूलर तौर पर स्कूल जाते थे, वह 4-5 घंटे अपनी पढ़ाई को देटे थे. फिर एग्जाम की डेटशीट आने के बाद क्लासेस बंद थी, जिससे उन्होंने अपनी तैयारी में 8-9 घंटे का समय दिया. पढ़ाई करने के अलावा उन्हें पढ़ाना और क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है. जीवांश ने बताया कि स्कूल की छुट्टियों और संडे में जो टाइम मिलता था, उस दौरान वह एक घंटे क्रिकेट को देते थे. जीवांश ने बताया कि वह अपने क्लासमेट्स को मैथ्स और साइंस पढ़ाते थे. इसके अलावा ताऊजी की बेटी यानी अपनी कजिन श्रद्धा को पढ़ाते थे, जिसने इसी साल 10वीं बोर्ड में 89 प्रतिशत हासिल किए हैं. जीवांश के दादा ने उनकी सोशल स्टडीज सब्जेक्ट की तैयारी  कराई, जो कि गवर्मेंट स्कूल में प्रिंसिंपल रह चुके हैं, वह 7-8 साल पहले ही अपनी जॉब से रिटायर हुए हैं.  


सबसे ज्यादा इंटरेस्ट मैथ्स में है दिलचस्पी
जीवांश ने बताया कि उनका सबसे पसंदीदा सब्जेक्ट मैथ्स है. इसके बाद साइंस स्ट्रीम में उन्हें फिजिक्स अट्रैक्ट करता है. मैथ्स में उनके 94 अंक आए हैं. इंग्लिश में उनकी पकड़ थोड़ी कमजोर थी, बावजूद इसके उन्होंने 98 नंबर हासिल किए हैं. 



16 वर्षीय जीवांश ने बताया कि अब 11वीं में वह पीसीएम विषयों को चुनेंगे. इसके साथ ही वह बिना अपना वक्त जाया किए अभी से जेईई की तैयारी में जुट चुके हैं. वह आईआईटी से बीटेक करने की ख्वाहिश रखते हैं, जिसके लिए उन्होंने अभी से कोचिंग स्टार्ट कर दी है. उनका सपना आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का है. 


ऐसे की तैयारी
9वीं का सेशन खत्म होते ही 10वीं के लिए तैयारी शुरू कर दी थी. 
पूरे साल सेल्फ स्टडी और हार्ड वर्क किया.   
10वीं के समर वेकेशन के दौरान ही मैथ्स, साइंस और एसएसटी का आधा सिलेबस खत्म कर लिया था. 
बिना कोचिंग के तैयारी  और यू-ट्यूब पर लेक्चर देखते और उससे अपने नोट्स तैयार करते रहे. 


ऐसे मिली मोटिवेशन
9वीं में यू-ट्यूब पर टॉपर्स के इंटरव्यू देखें. टॉपर्स की टिप्स भी फॉलो किए. वह बताते है कि उनकी कजिन ने 2018 में बोर्ड एग्जाम में टॉप किया था, जिनसे उन्हें  मोटिवेशन मिला, बहन ने ही उन्हें बुक्स रिकमंड कीं और पूरा रोडमेप बताया था, जैसे कंसिस्टेंसी, हार्ड वर्किंग जरूरी है.


जीवांश ने दिए तैयारी के टिप्स
जीवांश का कहना है कि अप्स एंड डाउन तो आते रहते हैं. मैथ्स में कई चैप्टर्स है जो एक बार में समझ आते नहीं है तो लगातार प्रैक्टिस करते रहना चाहिए. 
एग्जाम से 2 महीने पहले जीवांश का सिलेबस कंप्लीट हो गया था. ऐसे में डेटशीट रिलीज होने के बाद सैंपव पेपर्स  लगाने शुरू किए थे. 
ऑन एन एवरेज पर सब्जेक्ट 20 से 25 पेपर्स अटैंड किए.
इसके अलावा मैथ्स के लिए छह से साल पुराने प्रिवियस ईयर्स क्वेश्चन्स तैयार किए.