IAS Story: UPSC सिविल सर्विस के लिए छोड़ा मेडिकल करियर, पहली ही बार में IAS बन तरुणा ने साबित की काबिलियत
IAS Story: आज हम आपके लिए एक ऐसी आईएएस ऑफिसर की सक्सेस स्टोरी लेकर आए हैं, जिन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की थी. तरुणा ने यूपीएससी की तैयारी के लिए मेडिकल करियर छोड़ दिया था.
Success Story Of IAS Taruna Kamal: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा है, क्योंकि इसमें करीब एक हजार सीटों के लिए हर साल लाखों की तादात में युवा शामिल होते हैं. वहीं, इस परीक्षा की तैयारियों के दौरान कई तरह की चुनौतियां भी सामने आती हैं. इन सब मुश्किलों को पार करके जो युवा कामयाबी पाते हैं, उनके उपलब्धि भी बहुत बड़ी होती है. आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने सारी परेशानियों का सामना कर पहली ही बार में यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम में सफलता पाई.
छोड़ दिया मेडिकल करियर
हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर तरुणा कमल के बारे में... तरुणा ने यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी करने के लिए अपना बना बनाया मेडिकल करियर छोड़ दिया था. हिमाचल प्रदेश से आने वालीं तरुणा कमल ने 2023 में सिविल सेवा परीक्षा में अपने नाम का परचम लहराया था.
कौन हैं तरुणा कमल?
तरुणा मूल रूप से हिमाचल के मंडी जिले की बल्ह वैली की रहने वाली हैं. उनके पिता स्थानीय निकाय में सफाई ठेकेदार है और मां गृहिणी हैं. तरुणा ने 12वीं तक की पढ़ाई मॉडर्न पब्लिक स्कूल रत्ती कंप्लीट की. इसके बाद उन्होंने सीएसके हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से पढ़ाई की. उन्होंने 2020 में कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज पालमपुर से बैचलर डिग्री (बीवीएससी और एएच) पूरी की. फिर उन्होंने वेटरनरी डॉक्टर के तौर पर मेडिकल में करियर बनाने का सोचा. मेडिकल की इस फील्म में अपनी ट्रेनिंग के दौरान मन में यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम देने का ख्याल आया. फिर उन्होंने चंडीगढ़ से इसके लिए कोचिंग क्लास लेना शुरू किया.
यूपीएससी में मिली इतनी रैंक
तरुणा कमल ने इतनी टफ परीक्षा में पहली ही बार में सफलता हासिल कर अपनी काबिलियत साबित कर दी. एक इंटरव्यू में तरुणा ने बताया था कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान उनकी मेडिकल स्टडीज उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गई थी, लेकिन परिवार के सपोर्ट के चलते उन्हें हर चुनौती से उबरने में सफलता मिली. ऐसे समय में उन्हें बड़ा फैसला लेना पड़ा. उन्हें दोनों में से किसी एक को चुनना पड़ा. इस तरह उन्होंने मेडिकल करियर को छोड़ यूपीएससी को चुना. तरुणा की मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि उन्होंने फर्स्ट अटैम्प्ट में 203वीं रैंक हासिल कर इस परीक्षा को पास किया था.
यूपी के इस गांव के हर घर में हैं सरकारी मुलाजिम, डॉक्टर-इंजीनियर की भरमार, इस नाम से मिली है पहचान