IAS Suhas LY Won Silver In Paris Paralympics 2024: देश के सबसे काबिल आईएस ऑफिसरों में से एक और नोएडा के पूर्व डीएम सुहास एलवाई एक बार सुर्खियां बटोर रहे हैं. ऑफिस के कामों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले आईएएस सुहास एलवाई प्ले ग्राउंड पर भी उतने ही सफल हुए हैं. उन्होंने पेरिस पैरालंपिक 2024 में पैराबैडमिंटन मेंस सिंगल एसएल 4 मैच में सिल्वर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है. अपने उपलब्धियों भरे इस सफर में कई तरह की चुनौतियों का उन्हें सामना करना पड़ा. सुहास के लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था. पढ़िए आईएएस सुहास एलवाई की कहानी...


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स्कूल वालों ने एडमिशन देने से कर दिया था इनकार
आईएएस सुहास एलवाई का जन्म कर्नाटक के शिमोगा में हुआ था. आईएएस सुहास ने बताया था कि गांव में 3 बार स्कूल वालों ने उन्हें एडमिशन देने से मना कर दिया था. तब उनके पिता ने उन्हें कहा था कि स्कूल में अभी सीट नहीं मिली तो कोई बात नहीं, कभी ना कभी तुम जिंदगी में कुछ बड़ा करके दिखाना. वह शुरू से ही प्रतिभाशाली छात्र रहे हैं. उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सुरथकल से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है. इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी.


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लोगों के पसंदीदा अफसर
सुहास एलवाई ने 2007 में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा पास की और 382वीं रैंक के साथ उनका सिलेक्शन आईएएस के लिए हो गया था. वह उत्तर प्रदेश के कई जिलों में काम कर चुके हैं. कोविड के दौरान उन्हें गौतमबुद्ध नगर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया और जनता के दिलों में एक अलग बनाई. 


हर मैच में कर देते हैं कुछ बेमिसाल
उत्तर प्रदेश कैडर के 2007 बैच आईएएस ऑफिसर सुहास एलवाई ने टोक्यो में भी मेडल हासिल किया था. इसी के साथ आईएएस सुहास एलवाई पैरालंपिक में लगातार दो पदक जीतने वाले पहले इंडियन बैडमिंटन प्लेयर बन गए हैं. इतना ही नहीं सुहास पैरालंपिक मेडल और अर्जुन अवॉर्ड जीतने वाले भारत के इकलौते आईएएस ऑफिसर हैं. जब सुहास आजमगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट थे, तब उन्होंने 2016 एशियाई पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप फाइनल में गोल्ड मेडल जीता था.


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यहां तक पहुंचने के लिए आईएएस सुहास एलवाई ने बहुत मेहनत की है. उन्होंने अपनी निजी जिंदगी का बड़ा हिस्सा स्पोर्ट्स को समर्पित कर दिया है. वह बेहतरीन बैडमिंटन प्लेयर हैं, इस बात को हर मैच में साबित कर देते हैं.