UPSC Success Story: हर कोई सरकारी नौकरी पाना चाहते है, लेकिन कुछ लोग अपनी क्षमता से अच्छी तरह वाकिफ होते हैं. ऐसी ही एक मोटिवेशनल स्टोरी है आईपीएस ऑफिसर प्रेम सुख डेलू की, जिनका 12 सरकारी नौकरियों के लिए चयन हुआ, लेकिन वह कुछ बड़ा करना चाहते थे.
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IPS Prem Sukh Delu Success Story: ऐसे देश में जहां कई लोग सरकारी नौकरी की तरह पाना चाहते हैं, ताकि नौकरी जाने की चिंता सताए बिना हर महीने सैलरी आती रहे. वहीं, बहुत से लोग इससे बड़ी सपना देखते हैं और यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं. हर साल लाखों लोगों में से कुछ ही युवा इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता का स्वाद चख पाते हैं. ऐसे ही एक उम्मीदवार की कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जो आज देश के एक सफल आईपीएस ऑफिसर हैं.
हम बात कर रहे हैं प्रेम सुख डेलू की, जिन्होंने छह साल में 12 सरकारी नौकरियां हासिल कीं. पहले कड़ी मेहनत से वह पहले पटवारी बने. वह यहीं नहीं रुके, उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और आईपीएस बनकर ही दम लिया. प्रेम सिंह अपने बेहतरीन व्यक्तित्व के लिए भी जाने जाते हैं. हमेशा उनका हंसता-मुस्कुराता चेहरा और आंखों की चमक, उनकी पर्सनालिटी को और निखारती है. प्रेम सिंह के सामने बॉलीवुड के सितारों की चमक भी फीकी नजर आती है.
सामान्य थी परिवार की आर्थिक स्थिति
प्रेम सुख डेलू के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. उनके पिता ऊंट गाड़ी चलाते थे और लोगों का सामान एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाकर अपने परिवार का पेट पालते थे. बचपन से ही गरीबी देखे वाले प्रेम अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकालने के लिए दृढ़ संकल्पित थे.
सरकारी स्कूल से की पढ़ाई
राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले प्रेम सुख डेलू का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था. वह बचपन से ही अपने परिवार को गरीबी से उबारना चाहते थे. उन्होंने पढ़ाई को अपनी परिस्थिति बदलने का रास्ता चुना. प्रेम सुख डेलू ने 10वीं तक की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल और आगे की पढ़ाई बीकानेर के सरकारी डूंगर कॉलेज से की.
किससे मिली प्रेरणा?
प्रेम सुख डेलू के बड़े भाई राजस्थान पुलिस में कॉन्स्टेबल हैं. उन्होंने ही प्रेम को प्रतियोगी परीक्षाएं देने के लिए प्रेरित किया. 2010 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रेम ने पटवारी भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन किया और सफल हुए. इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि उनकी क्षमता उस भूमिका से कहीं आगे है. नौकरी के साथ-साथ हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. प्रेम सिंह एकेडमिक्स में बहुत अच्छे थे. उन्होंने इतिहास में एमए किया और गोल्ड मेडल जीता. साथ ही उन्होंने इतिहास में यूजीसी-नेट और जेआरएफ की परीक्षा पास की. एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले प्रेम सिंह ने 6 साल में 12 सरकारी नौकरियां हासिल की.
यूपीएससी की राह
हालांकि, प्रेम का दृढ़ संकल्प कम नहीं हुआ. उन्होंने बड़ा गोल बनाया और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखी. उनकी लगन और कड़ी मेहनत तब रंग लाई जब उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की और अपने सपने को साकार करते हुए आईपीएस अधिकारी बन गए.
आईपीएस प्रेम सुख डेलू की कहानी इस बात की मिसाल है कि कैसे दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत किसी की पृष्ठभूमि या मुश्किलों की परवाह किए बिना उल्लेखनीय सफलता दिला सकती है.