कौन हैं IAS मनीष रंजन? जिन्हें ई-गवर्नेंस 2024 के लिए मिला 27वें नेशनल अवॉर्ड
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कौन हैं IAS मनीष रंजन? जिन्हें ई-गवर्नेंस 2024 के लिए मिला 27वें नेशनल अवॉर्ड

UPSC Success Story :झारखंड कैडर के आईएएस मनीष रंजन को नेशनल अवार्ड फॉर ई-गवर्नेंस अवॉर्ड दिया गया है. आइए जाने हैं कौन हैं IAS ऑफिसर डॉ मनीष रंजन और कहां से की ही पढ़ाई...

कौन हैं IAS मनीष रंजन? जिन्हें ई-गवर्नेंस 2024 के लिए मिला 27वें नेशनल अवॉर्ड

IAS Manish Ranjan Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले IAS, IPS और IFS ऑफिसर अपने बेहतरीन काम के जरिए कई उपलब्धियां अपने नाम करते हैं. इसी तरह से अपने अच्छे काम की बदौलत अपनी सर्विस में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. आईएएस डॉ. मनीष रंजन को ई-गवर्नेंस 2024 के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया है. आइए जाने हैं कितने पढ़े-लिखे हैं IAS ऑफिसर डॉ मनीष रंजन...

सबसे पहले तो आपको बता दें कि प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित ई-गवर्नेंस 2024 के लिए यह 27वें राष्ट्रीय पुरस्कार है. झार जल योजना के क्रियान्वयन के लिए झारखंड के तत्कालीन पेयजल एवं स्वच्छता सचिव डॉ. मनीष रंजन को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 

बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल
मनीष रंजन झारखंड कैडर के 2002 बैच के IAS ऑफिसर हैं. जानकारी के मुताबिक वर्तमान में डॉ. रंजन ग्रामीण विकास (RD), ग्रामीण निर्माण विभाग (RWD) का अतिरिक्त प्रभार के सचिव हैं. वह बिहार के सारण जिले के रहने वाले हैं. हालांकि, उन्होंने अपनी स्कूल एजुकेशन झारखंड के नेतरहाट से कंप्लीट किया है. डॉ. रंजन ने अपनी दोनों बोर्ड परीक्षाएं बिहार से दी और वह 12वीं में टॉपर भी रह चुके हैं. 

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हायर स्टडी
इसके बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए रंजन ने दिल्ली को चुना. उन्होंने साल 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के मशहूर संस्थान हिंदू कॉलेज से सोशियोलॉजी और इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन कंप्लीट किया है. इसके बाद इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट, आणंद (गुजरात) से एमबीए की डिग्री ली. पढ़ाई में गहरी दिलचस्पी रखने वाले मनीष को थिएटर का भी शौक है. वह अपनी कॉलेज लाइफ में ड्रामा टीम का हिस्सा रहे और कई बार परफॉर्म कर चुके हैं.

साल 1998 में उन्होंने नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड जॉइन किया था. इसके बाद 2002 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हुए. वह सिविल सेवा परीक्षा के टॉपर्स में शामिल थे. आगे की पढ़ाई के लिए मनीष 2020 में विदेश चले गए. उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले से मास्टर ऑफ पब्लिक अफेयर्स, पब्लिक पॉलिसी में डिग्री ली. 

बेहतरीन काम के लिए हुए सम्मानित
मुंबई के जियो कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में मनीष रंजन को यह अवॉर्ड झार जल योजना को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए दिया गया. पेयजल विभाग सचिव रहते हुए रंजन ने झारखंड में यह योजना लागू कराई थी. केंद्र सरकार की टीम ने झारखंड के कई इलाकों जैसे बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग और पलामूटीम का औचक निरीक्षण कर योजना की स्थिति का आकलन किया था और सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी. योजना की जमीनी हकीकत जानने के बाद ही आईएएस मनीष रंजन को इस अवॉर्ड के लिए चुना गया.

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