दुनिया में सबसे बड़ी हीरे की खान कहां है, सूरत के डायमंड सेंटर से भारत की कितनी जमेगी धाक?
Surat Diamond Bourse: अमेरिका की पेटागन बिल्डिंग दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस स्पेस माना जाता थी, लेकिन अब यह दर्जा हमारे देश की इमारत को मिल चुका है. आइए जानते हैं कि भारत में स्थित इस बिल्डिंग का नाम क्या है और यह कितनी बड़ी है?
World Largest Office Building 'SDB': दुनिया की सबसे बड़ा डायमंड सेंटर भारत में बनकर तैयार है. गुजरात के सूरत में बनी दुनिया के सबसे बड़े ऑफिस स्पेस 'डायमंड बोर्स' का आज, 17 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया है. इसी के साथ अब 'डायमंड बोर्स' ज्वेलरी और डायमंड ट्रेडिंग में सूरत एक बड़े हब के तौर पर अपनी जड़ें जमाने के लिए पूरी तरह तैयार है. अब देश-विदेश से लोग हीरों के व्यापार और खरीदी के लिए सूरत आएंगे.
यह तो हुई दुनिया के सबसे बड़ी डायमंड सेंटर की बात, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूरी विश्व में सबसे बड़ी हीरे की खान कहां पर है? यहां जानिए इसका जवाब. साथ ही आज हम आपको बताने जा रहे हैं विश्व के सबसे बड़े डायमंड सेंटर से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें और जानेंगे कि डायमंड सेंटर से भारत की दुनिया में कितनी धाक जमेगी?....
हर तरह के हीरों के व्यापार का वैश्विक केंद्र
दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग होने के चलते, सूरत डायमंड बोर्स का नाम पहले ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है. 67 लाख स्कवायर फीट में बनी इस बिल्डिंग को तैयार करने में लगभग 3,500 करोड़ रुपये की लागत आई है.
'सूरत डायमंड बोर्स' दुनिया का सबसे बड़ी इमारत है, जहां 4,200 से ज्यादा डायमंड ट्रेडिंग ऑफिस होंगे. यह कच्चे और पॉलिस्ड हीरों के व्यापार का वैश्विक केंद्र होगा. इस सेंटर में ही आयात-निर्यात के लिए कस्टम क्लीयरेंस हाउस तैयार किया गया है.
सभी सुविधाओं से लैस है यह बिल्डिंग
ऑफिशियल रिकॉर्ड्स के मुताबिक पूरे विश्व में इस्तेमाल किए जा रहे 90 फीसदी हीरों की कटिंग और पॉलिशिंग सूरत में ही होती है, जिसका औसत टर्नओवर लगभग 3 लाख करोड़ रुपये है. मोटे तौर पर कहा जाए तो लगभग 15 लाख लोगों को इस व्यपार से सीधे रोजगार मिलता आया है. ऐसे में 'सूरत डायमंड बोर्स' के जरिए यह टर्न ओवर और लोगों को मिलने वाले रोजगार में बेहतरीन उछाल आएगा.
सूरत डायमंड बोर्स को हीरा कारोबारियों की हर एक सुविधा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. यहां डायमंड पॉलिश, मैन्यूफैक्चरिंग मशीन, सॉफ्टवेयर, डायमंड क्वालिटी सर्टिफिकेट, लेब डायमंड्स, यहां इंटरनेशनल बैंकिंग और सुरक्षित वॉल्ट्स, रिटेल आउटलेट जैसी तमाम सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी.
लाखों लोगों को सीधे तौर पर मिलेगा रोजगार
सूरत डायमंड बोर्स की वेबसाइट के मुताबिक इस डायमंड सेंटर की ओपनिंग से 1.5 लाख नए लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा. इस शहर के लाखों लोग डायमंड कारोबार से जुड़े हुए हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सूरत डायमंड बोर्स व्यापार, इनोवेशन और सहयोग के केंद्र के तौर पर काम करेगा. यह भारत की अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा देगा और ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करेगा.
आज सूरत की डायमंड बोर्स की चमक सामने दुनिया की बड़ी-बड़ी इमारतों की चमक फीकी पड़ रही है. सूरत डायमंड बोर्स भारतीय डिज़ाइन, डिजायनर्स, भारतीय मटेरियल और भारतीय कॉन्सेप्ट के सामर्थ्य का प्रतिनिधितिव करेगा. यह इमारत नए भारत के सामर्थ्य और नए संकल्प की प्रतीक है.
क्यों आया इस बिल्डिंग को बनाने का विचार?
वैसे तो सूरत में हीरा व्यापार से जुड़े कारीगरों, छोटे-बड़े व्यापारियों से जुड़ी लाखों लोगों की एक कम्यूनिटी है, लेकिन इससे व्यापार से जुड़ी छोटी-छोटी चीजों के लिए उन्हें बहुत दूर-दूर तक जाना पड़ता था. अगर कच्चे हीरे देखने और खरीदने के लिए विदेश जाना है, तो उसमें भी कई दिक्कते आती थीं. सप्लाई और वैल्यू चेन से जुड़ी समस्याएं पूरे कारोबार को प्रभावित करती थीं. ऐसे में डायमंड इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने सरकार से कई बार इन समस्याओं के समाधान की मांग की
हारी व्यापार के लिए वन स्टॉप सेंटर
इसी बीच 2014 में दिल्ली में वर्ल्ड डायमंड कांफ्रेंस हुई थी, तब पीएम मोदी ने डायमंड सेक्टर के लिए स्पेशल नोटिफाइड जोन स्थापित करने का ऐलान किया था. आज सूरत डायमंड बोर्स के रूप में इंटरनेशनल ट्रेड का एक बहुत बड़ा सेंटर बनकर तैयार हो चुका है. अब रॉ डायमंड, पॉलिश्ड डायमंड, लैब ग्रोन डायमंड हो या फिर बनी-बनाई ज्वैलरी, हर प्रकार का व्यापार एक ही छत के नीचे संभव हो पाया है. कामगार हो या कारीगर या फिर व्यापारी सभी के लिए यह वन स्टॉप सेंटर है.
विश्व की सबसे बड़ी हीरे की खान
वहीं, बात करें दुनिया की सबसे बड़ी हीरे की खान की तो यह एखल खदान है, जो रूस में है. रूस के सुदूर पूर्व में याकुटिया में स्थित हीरे की इस खान से पूरे विश्व का तकरीबन एक तिहाई हीरे का उत्पादन होता है. इस खदान की मालिक कंपनी अलरोसा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा हीरा उत्खनन ग्रुप है.