Indian Space Research Organization: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) कक्षा 8 से ऊपर के स्कूली छात्रों के लिए एक फ्री ऑनलाइन कोर्स प्रदान करता है. जो छात्र रिमोट सेंसिंग और जिओ इनफार्मेशन साइंस के बारे में सीखने में रुचि रखते हैं और विज्ञान और गणित की बुनियादी समझ रखते हैं, वे कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं.


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Things to know (ये हैं जरूरी बातें)


कोर्स इसरो की अंतरिक्ष जिज्ञासा (अंतरिक्ष जिज्ञासा) पहल के हिस्से के रूप में पेश किया जाता है.
रिमोट सेंसिंग तकनीक की मूल बातें, जैसा कि एनसीईआरटी सिलेबस द्वारा निर्धारित किया गया है, छात्रों को पढ़ाया जाएगा.
इसरो के अलग अलग केंद्रों के वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों द्वारा कक्षाएं चलाई जाएंगी.
कोर्स सरल भाषा, फोटो और एनिमेशन के उपयोग के साथ आकर्षक होगा.
यह रिमोट सेंसिंग, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन (EMR), जियोस्टेशनरी और सन-सिंक्रोनस सैटेलाइट, रिमोट सेंसर के प्रकार और मल्टीस्पेक्ट्रल स्कैनर जैसे सब्जेक्ट को कवर करेगा.
कोर्स का उद्देश्य इनफोर्मेटिव लेक्चर के माध्यम से माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्टूडेंट्स को रिमोट सेंसिंग तकनीक और ग्रह पृथ्वी और उसके पर्यावरण के अध्ययन के लिए इसके उपयोग से अवगत कराना है.


How to apply
आवेदन करने के लिए स्टूडेंट्स सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट jigyasa.iirs.gov.in/login पर जाएं.
यहां आपसे कुछ जरूरी डिटेल्स मांगी जाएंगी. इसमें पर्सनल डिटेल्स के अलावा स्कूल की डिटेल्स भी शामिल होंगी.
इसके लिए आपको स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन से अप्रूवल लेना होगा. 
आपका सेलेक्शन होने के बाद कोर्स के शुरू होने की तारीख और सिलेबस आपको ईमेल के माध्यम से बता दिया जाएगा.


भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संस्था की स्थापना 15 अगस्त 1969 में की गई थी. तब इसका नाम 'अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति' (INCOSPAR) था. भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट,19 अप्रैल 1975 को सोवियत संघ द्वारा अंतरिक्ष में छोड़ा गया था. इसका नाम महान गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था. इसने 5 दिन बाद काम करना बन्द कर दिया था, लेकिन यह अपने आप में भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी.


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