UGC New Rules: यूजीसी ने अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए जारी किए नए नियम, स्टूडेंट्स को मिलेंगी ये नई सुविधा
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UGC New Rules: यूजीसी ने अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए जारी किए नए नियम, स्टूडेंट्स को मिलेंगी ये नई सुविधा

UGC Guidelines for Students: इसमें स्टूडेंट्स को एक अथवा उससे ज्यादा सब्जेक्ट के ऑप्शन के बीच में से एक ऑप्शन सेलेक्ट करने में मदद मिलेगी. मेन सब्जेक्ट में चार साल की ग्रेजुएशन ऑनर्स डिग्री उन लोगों को दी जाएगी जो 160 क्रेडिट के साथ चार साल का डिग्री प्रोग्राम पूरा करते हैं.

UGC New Rules: यूजीसी ने अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए जारी किए नए नियम, स्टूडेंट्स को मिलेंगी ये नई सुविधा

UGC Guidelines for Colleges: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत सोमवार को ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए करिकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क को नोटिफाई किया है. जो स्टूडेंट्स को एडमिशन और एग्जिट के लिए कई ऑप्शन देगा. प्रोग्राम के मुताबिक, स्टूडेंट्स मौजूदा समय की तरह 3 साल के कोर्सेज के बजाय केवल चार साल की ऑनर्स डिग्री हासिल कर सकेंगे. ऑनर्स डिग्रियां भी दो कैटेगरी में दी जाएंगी - ऑनर्स और ऑनर्स विद रिसर्च.

यूजीसी की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, मेन सब्जेक्ट में चार साल की ग्रेजुएशन ऑनर्स डिग्री उन लोगों को दी जाएगी जो 160 क्रेडिट के साथ चार साल का डिग्री प्रोग्राम पूरा करते हैं और क्रेडिट जरूरतों को पूरा करते हैं. जबकि जो स्टूडेंट्स पहले 6 सेमेस्टर में 75 फीसदी या उससे ज्यादा नंबर प्राप्त करते हैं और ग्रेजुएशन लेवल पर रिसर्च करना चाहते हैं, वे चौथे साल में एक रिसर्च स्ट्रीम चुन सकते हैं.

इसमें स्टूडेंट्स को एक अथवा उससे ज्यादा सब्जेक्ट के ऑप्शन के बीच में से एक ऑप्शन सेलेक्ट करने में मदद मिलेगी. मौजूदा च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को संशोधित करके फ्रेमवर्क विकसित किया गया है. 

उधर, दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति ने कहा था कि यूनिवर्सिटी कम से कम इस साल के लिए विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित मौजूदा प्रणाली का पालन करना जारी रखेगी. नए यूजीसी मानदंड और दिल्ली विश्वविद्यालय के मौजूदा नियम एक-दूसरे से अलग हैं, जिन्होंने चिंता जताई कि यह यूनिवर्सिटी के एजुकेशनल फ्रेमवर्क को प्रभावित कर सकता है.

यूजीसी के करिकुलम और एफवाईयूपी के लिए क्रेडिट फ्रेमवर्क के मुताबिक, स्टूडेंट्स को तीन साल की पढ़ाई के बाद ग्रेजुएशन की डिग्री मिलेगी, जबकि चार साल के प्रोग्राम के बाद ग्रेजुएशन ऑनर्स की डिग्री मिलेगी. यह मानक वर्तमान डीयू अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम डिजाइन से अलग हैं, जिसमें कहा गया है कि स्टूडेंट्स को तीन साल बाद ऑनर्स के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री मिलेगी.

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