Who is more powerful  between IAS or IRS IT : अगर आप ताकतवर कह रहे हैं तो इसका स्पष्ट जवाब देना मुश्किल हो जाता है. क्योंकि संविधान ने दोनों को ही ताकत दी है. लेकिन अगर आप पिछले 3-4 सालों की खबरें पढ़ेंगे तो आपको भी लगेगा कि IAS अब पहले जितना ताकतवर नहीं रहा और IRS अब टैक्सेशन तक सीमित नहीं रहा. और इसीलिए आपके मन में यह सवाल उठता होगा. UPSC स‍िव‍िल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले ये जरूर जानना चाहते होंगे. क्योंकि वो उलझन में होंगे क‍ि उन्‍हें दोनों में से कौन सी सर्विस पहले देनी चाहिए. तो आइये जान लेते हैं क‍ि दोनों में से कौन सा पद ज्‍यादा पावर देता है: 


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IAS या IRS IT क‍िसके पास है ज्‍यादा पावर :
IAS में सबसे शक्तिशाली पद DM का होता है. जहां इस अधिकारी के पास इतनी शक्ति होती है कि वह अपने जिले के हर विभाग (IT विभाग, CID, CBI और अन्य जैसे कुछ जांच विभागों को छोड़कर) का निरीक्षण कर सकता है. उसके अंडर इतनी मैन पावर होती है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. आप एक IAS की DM के रूप में शक्ति को इस बात से समझ सकते हैं  क‍ि “DM जिले का राजा होता है”. मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री और न्यायालयों (जिले से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक) के अलावा कोई भी उसे आदेश नहीं दे सकता. लेकिन यह आजीवन नहीं है. DM का पद केवल 5-7 साल के लिए दिया जाता है और उसके बाद अधिकारी को ड‍िव‍िजनल कम‍िशनर के रूप में प्रमोट किया जाता है, जहां वो अपनी अधिकांश शक्ति, आकर्षण और सार्वजनिक संपर्क खो देता है. भले ही वह सीन‍ियर हो गया हो, लेक‍िन वह किसी DM को आदेश नहीं दे सकता. 


 यह लगभग एक क्लेरिकल जॉब की तरह है, यहां पद बढ़ने के साथ पावर कम हो जाती है. लेकिन आईआरएस आईटी अधिकारियों के लिए ऐसा नहीं है. जब वे SIT के रूप में शामिल होते हैं तो उनके पास IAS में SDM जैसी शक्तियां नहीं होती हैं. IT विभाग में शक्ति का केंद्र कमिश्नर होता है और उसके नीचे ज्वाइंट कमिश्नर इनकम टैक्स होता है, जो DM के बराबर पद होता है. 


कम‍िशनर इनकम टैक्‍स (CIT) और ज्‍वाइंट कम‍िशनर इनकम टैक्‍स (JCIT) के पद तक पहुंचने के लिए आपको कम से कम 8 साल काम करना होगा और फिर आपको JCIT में पदोन्नत किया जाएगा और CIT बनने के लिए आपको कम से कम 19 साल काम करना होगा (GST विभाग की तुलना में पदोन्नति थोड़ी तेज है). इसका मतलब है कि यहां पद बढ़ने के साथ शक्ति भी बढ़ती है. और IT विभाग उन विभागों में से एक है जिसे राजस्व सचिव तक IAS के नियंत्रण से छूट दी गई है.   


पब्लिक इंटरेक्शन: 
IAS का पब्लिक इंटरेक्शन IRS की तुलना में बहुत ज्‍यादा है. आप में से बहुत से लोग अपने क्षेत्र के डीएम का नाम जानते हैं, लेकिन आप में से कोई भी अपने जिले के आयकर आयुक्त का नाम नहीं जानता. इसलिए, ये बात तो साफ है क‍ि IAS का पब्‍ल‍िक डोमेन ज्‍यादा बडा होता है.