UPSC Success Story: टॉपर्स के इंटरव्यू और स्टैंड-अप कॉमेडी देखकर ये महिला अफसर बनीं आईएएस, पढ़िए पूरी स्टोरी
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UPSC Success Story: टॉपर्स के इंटरव्यू और स्टैंड-अप कॉमेडी देखकर ये महिला अफसर बनीं आईएएस, पढ़िए पूरी स्टोरी

IAS Success story: कड़ी मेहनत, निरंतरता और दृढ़ संकल्प से उन्होंने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की और 2019 में ऑल इंडिया लेवल पर 31वीं रैंक प्राप्त की. 

UPSC Success Story: टॉपर्स के इंटरव्यू और स्टैंड-अप कॉमेडी देखकर ये महिला अफसर बनीं आईएएस, पढ़िए पूरी स्टोरी

IAS Simi karan: मेहनती स्टूडेंट्स की कोई कमी नहीं है, जो संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा या भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कोर्सेज परीक्षाओं जैसी कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने के लिए समर्पित रूप से पढ़ाई करते हैं. लेकिन, ओडिशा की 23 साल लड़की ने एक ही साल में IIT और UPSC क्लियर करके इतिहास बना दिया. जब IAS अधिकारी सिमी करण ने IIT क्रैक किया और 2019 में IIT बॉम्बे में एडमिशन लिया, तो वह सिविल सेवा परीक्षा में भी शामिल हुईं. जिसे दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और अच्छी रैंक हासिल की.

यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए सिमी ने कोचिंग का ऑप्शन चुनने के बजाय आईएएस टॉपर्स के वीडियो और इंटरव्यू देखना शुरू कर दिया. वह कहती हैं कि उन्होंने यूपीएससी सिलेबस को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट दिया ताकि उनके लिए सिलेबस को मैप करना और उसके अनुसार पढ़ाई करना आसान हो जाए.

उन्होंने कहा कि उन्होंने पढ़ाई के घंटों पर कभी ध्यान नहीं दिया बल्कि अपनी पढ़ाई की क्वालिटी पर ध्यान दिया. उन्होंने सीमित सोर्स और चुनिंदा किताबों के साथ पढ़ाई की और खुद को फ्रैश बनाए रखने के लिए जॉगिंग या स्टैंड-अप कॉमेडी देखने जैसी एंटरनेटनमेंट एक्टिविटी के लिए नियमित रूप से समय निकाला.

कड़ी मेहनत, निरंतरता और दृढ़ संकल्प से उन्होंने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की और 2019 में ऑल इंडिया लेवल पर 31वीं रैंक प्राप्त की. इस तरह साल 2020 में, वह 23 साल की उम्र में एक आईएएस अधिकारी बन गईं. सिमी करण को असम-मेघालय कैडर मिला.

लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) के एक आधिकारिक ट्वीट में सिमी करण, IAS OT 2020 नॉर्थ-ईस्ट कैडर (असम-मेघालय) को बेस्ट पर्फोरमेंश करने वाले ट्रेनी ऑफिसर के लिए LV रेड्डी मेमोरियल अवार्ड और सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया.

सिमी का जन्म ओडिशा के भीलाल जिले में हुआ था; उनके पिता एक स्टील प्लांट में काम करते थे. उनकी मां एक टीचर थीं. एक होनहार स्टूडेंट के रूप में, वह अपने स्कूल के काम के प्रति ईमानदार थी और परीक्षा में हमेशा अच्छे नंबर लेकर आती थीं.

कक्षा 12 के बाद उन्होंने फैसला किया कि वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करेंगी और  IIT बॉम्बे में इसके लिए आवेदन किया. प्रतिष्ठित कॉलेज में पढ़ाई के दौरान सिमी ने वॉलेंटियर एक्टिविटी के लिए साइन अप किया, जहां उन्हें झुग्गियों के पास जाने और गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए कहा गया. जरूरतमंदों के साथ उनके काम ने उन्हें पब्लिक सर्विस सेक्टर में नौकरी करने के लिए प्रेरित किया, ताकि वह निस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा और मदद कर सकें. 

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