Aurangabad Lok Sabha Election 2024: औरंगाबाद लोकसभा से राजद प्रत्यासी अभय कुमार सिन्हा को मिले 465567 वोट 79111 वोटों से दर्ज की जीत
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Aurangabad Lok Sabha Election 2024: औरंगाबाद लोकसभा से राजद प्रत्यासी अभय कुमार सिन्हा को मिले 465567 वोट 79111 वोटों से दर्ज की जीत

Aurangabad Lok Sabha Chunav 2024 News: बिहार के औरंगाबाद लोकसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था. सत्येंद्र नारायण सिन्हा ने सबसे ज्यादा सात बार औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. लोकसभा चुनाव 1989 में वीपी सिंह की लहर में जनता दल ने पहली बार जीत हासिल की. 2014 और 2019 में लगातार दो बार से औरंगाबाद में भाजपा का कब्जा है. 

Aurangabad Lok Sabha Election 2024: औरंगाबाद लोकसभा से राजद प्रत्यासी अभय कुमार सिन्हा को मिले 465567 वोट 79111 वोटों से दर्ज की जीत

Aurangabad Lok Sabha Election 2024: देव सूर्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध औरंगाबाद दक्षिण बिहार में ग्रैंड ट्रंक रोड और नेशनल हाइवे दोनों से सटा हुआ है. मगध की संस्कृति का केंद्र बताया जाता यह जिला राजपूत बहुल होने से बिहार का चित्तौड़गढ़ भी कहा जाता है.  हालांकि, इस शहर का नाम मुगल शासक औरंगजेब के नाम पर रखा गया था. बिहार की राजधानी पटना से 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मगही बोलने वाले औरंगाबाद लोकसभा सीट पर देश के पहले आम चुनाव 1952 से अबतक सिर्फ राजपूत जाति के उम्मीदवार ही जीतते हैं. खास बात यह भी है कि औरंगाबाद लोकसभा सीट राजपूत जाति में भी बस दो परिवारों का ही दबदबा रहा है.

सत्येंद्र नारायण सिंह और रामनरेश सिंह के परिवारों का दबदबा 

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंह और रामनरेश सिंह का परिवार ही औरंगाबाद लोकसभा में हमेशा आमने-सामने की टक्कर में रहे. सत्येंद्र नारायण सिंह के परिवार का औरंगाबाद लोकसभा सीट पर लंबे समय तक बेरोकटोक कब्जा रहा है. निखिल कुमार और उनकी पत्नी श्यामा सिंह भी कांग्रेस की ओर से यहां से सांसद चुने गए. निखिल कुमार राज्यपाल भी बने. आजादी के बाद 1952 के पहले चुनाव में औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से सत्येंद्र नारायण सिंह जीतकर लोकसभा पहुंचे.

उन्होंने औरंगाबाद सीट से 7 बार लोकसभा चुनाव जीता. उनके परिवार से 1999 में कांग्रेस की श्यामा सिंह, फिर 2004 में निखिल कुमार जीते. तीन चुनावों में ये सीट जनता दल के हाथ में गई. 1998 में समता पार्टी के सुशील कुमार सिंह इस सीट से जीतने में कामयाब रहे. 2009 के चुनाव में सुशील कुमार सिंह ने जेडीयू, फिर 2014 और 2019 में भाजपा के टिकट पर इस सीट से जीत हासिल की. लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए में इस सीट पर भाजपा का दावा है.

औरंगाबाद लोकसभा सीट का पूरा हाल

कुटुम्बा, औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, इमामगंज और टिकारी विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर औरंगाबाद लोकसभा सीट बनाया गया है. दो सीटें कुटुम्बा और इमामगंज रिजर्व सीटें हैं. आद्री समेत कई नदियों के होने से औरंगाबाद लोकसभा का इलाका धान और गेंहू की खेती के लिए काफी उर्वर माना जाता है.  2011 की जनगणना के मुताबिक 25 लाख की आबादी वाले औरंगाबाद में औसत साक्षरता दर 70.32 फीसदी है. औरंगाबाद लोकसभा सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 17,37,821 है. इनमें पुरुष वोटर 9,15,930 और महिला मतदाताओं की संख्या 8,21,793 है. इसके अलावा थर्ड जेंडर के 98 वोटर हैं.

औरंगाबाद लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में, 19 अप्रैल को औरंगाबाद सीट पर मतदान हुआ था. 04 जून 2024 को वोटों की गिनती के बाद चुनाव आयोग की ओर से आधिकारिक रिजल्ट जारी किया जाएगा. 

औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसदों की सूची

1952 कांग्रेस सत्येन्द्र नारायण सिन्हा

1957 कांग्रेस सत्येन्द्र नारायण सिन्हा

1962 स्वतंत्र ललिता राज्य लक्ष्मी

1967 कांग्रेस मुंद्रिका सिंह

1972 भारतीय लोक दल सत्येन्द्र नारायण सिन्हा

1977 भारतीय लोक दल सत्येन्द्र नारायण सिन्हा

1980 जनता पार्टी सत्येन्द्र नारायण सिन्हा

1984 कांग्रेस सत्येन्द्र नारायण सिन्हा

1989 जनता दल राम नरेश सिंह

1991 जनता दल राम नरेश सिंह

1996 जनता दल वीरेन्द्र कुमार सिंह

1998 समता पार्टी सुशील कुमार सिंह

1999 कांग्रेस श्यामा सिंह

2004 कांग्रेस निखिल कुमार

2009 जदयू सुशील कुमार सिंह

2014 भाजपा सुशील कुमार सिंह

2019 भाजपा सुशील कुमार सिंह

औरंगाबाद लोकसभा सीट का जातीय समीकरण

औरंगाबाद लोकसभा सीट के साथ एक दिलचस्प बात यह भी है कि 1952 से अब तक यहां के सांसद केंद्र में मंत्री नहीं बनाए गए हैं. औरंगाबाद सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो राजपूतों की आबादी लगभग दो लाख है. वहीं, डेढ़ लाख की जनसंख्या के साथ यादव दूसरे नंबर पर हैं. इसके बाद मुस्लिमों की आबादी 1.25 लाख है. कुशवाहा जाति के लोगों की संख्या भी करीब 1.25 लाख. इसके बाद भूमिहारों की जनसंख्या एक लाख और एससी और महादलितों की आबादी लगभग 19 फीसदी यानी दो लाख से भी ज्यादा है. इनका वोट भी जीत के लिए काफी असर रखता है.

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