Biju Janata Dal In Odisha: ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल की 77 वर्षीय नवीन पटनायक पर निर्भरता भाजपा के लिए सबसे बड़ा अवसर हो सकता है. इसलिए लोकसभा चुनाव 2024 और ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024 के प्रचार अभियान के बीच भाजपा नेताओं ने नवीन पटनायक के 24 साल के कार्यकाल, उनकी उम्र, सेहत, सक्रियता और विकल्प वगैरह से जुड़े सवाल उठाकर नई सियासी बहस छेड़ दी है. 


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ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए मतदान


ओडिशा में विधानसभा की 147 सीटों और लोकसभा की 21 सीटों दोनों के लिए एक साथ मतदान हो रहा है. ओडिशा में 13 मई से 1 जून के बीच चार चरणों में चलने वाले लंबे चुनाव के बीच नवीन पटनायक की व्यक्तिगत अपील बीजद के लिए सबसे बड़ा फायदा हो सकती है. क्योंकि वह सीएम हाउस में रिकॉर्ड छठा कार्यकाल चाहते हैं. हालांकि, नवीन पटनायक के बाद कौन? भाजपा ने नया दांव चल कर बीजद और उसके समर्थकों को असमंजस में डाल दिया है.


उड़िया नहीं हैं वी के पांडियन, बीजद के सामने बड़ी चुनौती


संबलपुर जिले के कदलीगढ़ में एक बाजार में लोगों ने ऐसे सवाल पर कहा, "नवीन बाबू हमारे लिए ठीक हैं." लेकिन उसके बाद? उनके लंबे समय के सहयोगी वी के पांडियन? “नहीं, पांडियन उड़िया नहीं हैं… नवीन बाबू के बाद… मुझे नहीं पता. मैं अभी किसी और के बारे में नहीं सोच सकता.” इन जवाबों में ओडिशा की मौजूदा राजनीतिक हकीकत और भविष्य के लिए चुनौती  है. नवीन पटनायक के नेतृत्व में ओडिशा में लगातार 24 साल तक शासन कर रही बीजद ने और राज्य में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा दोनों को इस चुनौती से जूझना होगा.


नवीन पटनायक के विकल्प के रूप में भाजपा के हाथ भी खाली


दूसरी ओर, बीजद के साथ गठबंधन की बातचीत रुकने के बाद देरी से प्रचार अभियान शुरू करने वाली भाजपा को भी ओडिशा में कोई ऐसा चेहरा नहीं मिल पाया है जिसे नवीन पटनायक के विकल्प के रूप में आगे किया जा सके. चुनावों की घोषणा के बाद से तीन बार राज्य का दौरा कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किसी विशेष नेता या नेताओं के समूह को राज्य में पार्टी के चेहरे के रूप में पेश नहीं किया है.


मोदी सरकार की तरह ओडिशा में पटनायक सरकार की नीतियां


केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की तरह ही ओडिशा में नवीन पटनायक की सरकार ने सशक्तिकरण और कल्याण नीतियों-योजनाओं से महिला वोट बैंक को मजबूती से अपने साथ बनाए रखा है. इनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वालंबन, न्याय वगैरह कई मुद्दों पर बजट का बड़ा हिस्सा दिया है. दिसंबर 2022 में, बीजद की रजत जयंती समारोह में नवीन पटनायक ने अपने कार्यकर्ताओं को याद दिलाया था कि अगर महिला सशक्तिकरण उसके कार्यक्रमों के केंद्र में रहा तो पार्टी "एक और सदी तक जीवित रहेगी."


महिला सशक्तिकरण और आरक्षण पर बीजद ने भी बढ़ाए कदम


2014 में 16वीं लोकसभा के दौरान, बीजद सांसदों ने महिला आरक्षण विधेयक के लिए समर्थन जुटाने के लिए अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की थी. बीजद ने 2019 और 2024 दोनों लोकसभा चुनावों में 33 फीसदी महिलाओं को मैदान में उतारकर बात को आगे बढ़ाया है. इसके अलावा नवीन पटनायक की निजी अपील सबसे ताकतवर सियासी औजार है. इसके अलावा भ्रष्टाचार विरोधी उनकी इमेज भी असरदार है.


नवीन पटनायक ने की ओडिया आकांक्षा और अस्मिता की बात


भाजपा के जवाब में नवीन पटनायक ने ओडिया आकांक्षा और अस्मिता की बात छेड़ दी है. राजनीति में आकस्मिक तौर पर आने के बावजूद, दून स्कूल और दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज के अल्युमनाई पटनायक ने राज्य के बारे में यह बात समझी है कि ओडिशा भाषाई गौरव के आधार पर जन्म लेने वाला पहला राज्य था. इसलिए, कई अन्य क्षेत्रीय नेताओं के उलट, पटनायक ने कभी भी राज्य की सीमाओं से परे अपनी पार्टी का विस्तार करने की कोशिश नहीं की. 


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तमिल मूल के वी के पांडियन के उदय पर भाजपा का सवाल


हालांकि, भाजपा ने नवीन पटनायक और बीजद को इसी मुद्दे पर घेरने के लिए वीके पांडियन मुद्दे को हवा दी है. बीजद के नेता भी तमिल मूल के पांडियन का उदय को सियासी रणनीति में बड़ी खामी के तौर पर स्वीकार करते हैं. ओडिशा कैडर के 2000-बैच के आईएएस अधिकारी वी के पांडियन को फरवरी में आईएएस से वीआरएस लेने के बाद कैबिनेट मंत्री के पद के साथ सरकार के प्रमुख नबीन ओडिशा और विजन 5टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. इसके एक महीने बाद वह बीजद में शामिल हो गये.


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