Ken Betwa Link Project: केन-बेतवा लिंक परियोजना से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. सीएम मोहन यादव ने दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात के बाद बड़ा बयान दिया है.
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Ken Betwa Link Pariyojana: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को मिलाकर बनी केन-बेतवा लिंक परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है. यह योजना मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल के लिए वरदान साबित होने वाली है. खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इस परियोजना का शिलान्यास कर सकते हैं. इस बीच दिल्ली में सीएम मोहन यादव ने जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की है. जहां उन्होंने केन-बेतवा लिंक परियोजना पर ही मंत्री से चर्चा की है. माना जा रहा है कि जल्द ही इसका टेंडर भी पास हो जाएगा.
10 से 15 जिलों को मिलेगा लाभ
सीएम मोहन यादव ने सीआर पाटिल से मुलाकात के बाद कहा 'मेरी जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल से मुलाकात हुई, हमारी 2 बड़े नदी जोड़ो अभियान जिसमें प्रधानमंत्री जी की विशेष रूचि है. केन-बेतवा लिंक परियोजना के टेंडर पर बात हुई है. इसके माध्यम से बुंदेलखंड के 10-15 जिलों में बहुत लाभ मिलेगा. ये हमारा बहुत पानी की दरकार वाला इलाका है और इसमें सरकार बहुत गंभीरता से आगे बढ़ी है. बहुत जल्द इसके नतीजे मिलेंगे.' इसके अलावा सीएम ने सिंचाई संबंधित परियोजनाओं और जल संरक्षण कार्यक्रमों पर भी बातचीत की है.
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जल्द शुरू होगा काम
बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट से सहमति मिलने के बाद केन बेतवा लिंक परियोजना पर जल्द ही काम शुरू होने वाला है. यह परियोजना केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय और मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश सरकार के समन्वय से की जा रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद अब दोनों राज्यों की सरकारों के साथ केंद्र सरकार भी इस दिशा में तेजी से काम करने में जुटेगी.
बुंदेलखंड को होगा लाभ
इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ बुंदेलखंड अंचल के जिलों को होगा. छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, विदिशा, सागर, शिवपुरी, दतिया और रायसेन जिलों को इस योजना का सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है. इस परियोजना के पूरा होने से सिंचाई और पेयजल सुविधाओं के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. इससे क्षेत्र में पलायन की समस्या पर भी रोक लग सकेगा. केन-बेतवा नदी परियोजना की लागत 44 हजार 605 करोड़ रुपये है. इसमें 90 फीसदी राशि केंद्र सरकार देगी. वहीं 5 फीसदी राशि यूपी सरकार और 5 फीसदी राशि मध्य प्रदेश सरकार देगी. इस योजना के पूरे होने से एमपी की करीब 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी और 41 लाख लोगों को आसानी से पीने का पानी मिलेगा.
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