मोदी @3.0: NDA की अब तक की 5 सरकारों में सहयोगी दलों को क्‍या मिला?
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मोदी @3.0: NDA की अब तक की 5 सरकारों में सहयोगी दलों को क्‍या मिला?

भाजपा के अपने दम पर बहुमत के आंकड़े से दूर रहने और सहयोगी नीतीश कुमार एवं चंद्रबाबू नायडू की एनडीए सरकार में ताकत बढ़ने के बाद ये देखना दिलचस्‍प होगा कि तीसरी बार एनडीए सरकार का क्‍या स्‍वरूप होगा? 

मोदी @3.0: NDA की अब तक की 5 सरकारों में सहयोगी दलों को क्‍या मिला?

भाजपा के अपने दम पर बहुमत के आंकड़े से दूर रहने और सहयोगी नीतीश कुमार एवं चंद्रबाबू नायडू की एनडीए सरकार में ताकत बढ़ने के बाद ये देखना दिलचस्‍प होगा कि तीसरी बार एनडीए सरकार का क्‍या स्‍वरूप होगा? ऐसा इसलिए क्‍योंकि 2014 और 2019 के चुनाव में बीजेपी को स्‍पष्‍ट बहुमत मिला था लिहाजा घटक दलों पर निर्भरता कम थी. 2014 में बीजेपी को अपने दम पर 282 और सहयोगियों को 54 सीटें मिली थीं. कैबिनेट में 71 मंत्री बनाए गए थे लेकिन सहयोगियों को केवल 5 पद मिले. इसी तरह 2019 में बीजेपी को 303 सीटें मिलीं और सहयोगियों को 52 सीटें मिलीं. कुल 72 मंत्रियों में से केवल 2 पद सहयोगियों को मिले. इसलिए ही इस बार ये देखना रोचक हो गया है कि जेडीयू और टीडीपी के कितने लोग एनडीए सरकार में शामिल होंगे.

सूत्रों के मुताबिक जेडीयू और टीडीपी किसी भी रियायत के मूड में नहीं दिख रहे और कम से कम 10 मंत्रालयों पर इनकी नजर है. इनमें गृह, रक्षा, वित्‍त, विदेश जैसे अहम मंत्रालय भी शामिल हैं. इस बारे में बीजेपी के अंदरखाने से ये कहा जा रहा है कि नीतीश और चंद्रबाबू नायडू सीएम रहने के बजाय यदि केंद्रीय कैबिनेट में आएं तो विचार किया जा सकता है लेकिन यदि पार्टी के किसी अन्‍य सदस्‍य को नामित करेंगे तो ये संभव नहीं है. अब अगले कुछ दिन इसी तरह मंत्रालयों पर मंथन होता रहेगा. 

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वाजपेयी का फॉर्मूला
अब तक कुल मिलाकर 5 एनडीए सरकार बने हैं. इनमें से तीन अटल बिहारी वाजपेयी के दौर में रहीं. उन्‍होंने कैबिनेट में सहयोगी दलों के लिए फॉर्मूला निकाला था कि सहयोगी दलों के हर चार सांसद पर एक मंत्री पद दिया जाएगा. 

1996
अटल युग से लेकर एनडीए में घटक दलों की कैबिनेट में उपस्थिति का यदि आकलन किया जाए तो 1996 में जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्‍व में पहली बार घटक दलों के साथ एनडीए सरकार बनी थी तो उस वक्‍त भाजपा ने 161 सीटें जीती थीं. शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल और अन्‍य के साथ मिलकर एनडीए का ये आंकड़ा 187 तक पहुंचा था. ये सरकार केवल 16 दिन चली. उस वक्‍त कुल 14 कैबिनेट मंत्री बनाए गए. उनमें से एक शिवसेना का था. 

1998
भाजपा ने 182 सीटें जीती थीं. 11 सहयोगी दलों ने 94 सीटें जीती थीं और एनडीए का आंकड़ा पहुंचकर 276 हो गया था. उस सरकार में 86 कैबिनेट मंत्री बनाए गए. सहयोगियों को 25 मंत्री पद दिए गए. उस वक्‍त नीतीश कुमार रेलवे मंत्री बने थे. उस वक्‍त भी टीडीपी ने बीजेपी को समर्थन दिया था. इसी के बाद ये नियम लागू किया गया कि कैबिनेट में लोकसभा के कुल सदस्‍यों की संख्‍या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी. 

1999 
बीजेपी ने 180 सीटें जीतीं. एनडीए के 11 सहयोगी दलों ने 94 सीटें जीतीं. कैबिनेट में 73 मंत्री बने. इनमें से 18 मंत्री सहयोगी दलों के थे. उस सरकार में नीतीश कुमार कृषि मंत्री बने और जॉर्ज फर्नांडीज रक्षा मंत्री बने. 

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