Maharashtra Chunav: भतीजे की बगावत को भूले नहीं हैं शरद पवार, बारामती में उतार दिया ऐसा कैंडिडेट; संकट में फंसे अजित पवार
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Maharashtra Chunav: भतीजे की बगावत को भूले नहीं हैं शरद पवार, बारामती में उतार दिया ऐसा कैंडिडेट; संकट में फंसे अजित पवार

Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र असेंबली चुनाव में जीत के लिए दांव-पेंच का दौर जारी है. महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज शरद पवार ने बारामती सीट पर ऐसा दांव चल दिया है कि भतीजे अजित पवार मुश्किलों में फंस गए हैं.

 

Maharashtra Chunav: भतीजे की बगावत को भूले नहीं हैं शरद पवार, बारामती में उतार दिया ऐसा कैंडिडेट; संकट में फंसे अजित पवार

Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: महाराष्ट्र में जो दांव अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ चला था. अब वही दांव शरद पवार ने भतीजे अजित के खिलाफ चल दिया है. बारामती असेंबली सीट पर शरद पवार ने एक ऐसा उम्मीदवार उतार दिया है, जिसका मुकाबला करने में अजित पवार को नाकों चने चबाने पड़ सकते हैं. साथ ही इससे उनके घर में घमासान भी और तेज हो सकता है. 

शरद पवार ने चाचा-भतीजे को भिड़ाया

रिपोर्ट के मुताबिक, बारामती सीट पर अजित पवार खुद चुनाव लड़ रही है. इस सीट पर शरद पवार ने अजीत पवार के सगे भतीजे युगेंद्र पवार को उम्मीदवार बनाया है. युगेंद्र पवार, अजीत पवार के छोटे भाई श्रीनिवास के बेटे हैं, जोकि एक कारोबारी हैं. युगेंद्र पवार, अपने चचेरे दादा शरद पवार की पार्टी NCP (शरदचंद्र गुट) से जुड़े हुए हैं. इस साल बारामती सीट पर हुए लोकसभा इलेक्शन में उन्होंने शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. सुले ने सीधी टक्कर में अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार 48 हजार वोटों से जीत हासिल की थी.

राजनीति में नए नहीं हैं युगेंद्र पवार

राजनीतिक पंडितों के मुताबिक युगेंद्र पवार बेशक अपने जीवन का पहला असेंबली चुनाव लड़ने जा रहे हों लेकिन वे राजनीति के लिए नए नहीं हैं. उन्होंने योजना के साथ काम करते हुए बारामती में अपना जनाधार तैयार किया है. वे अपने परिवार की ओर से संचालित शारयू फाउंडेशन के जरिए सामाजिक काम करते रहते हैं. वे शरद पवार के एनजीओ विद्या संस्तान के ट्रस्टी और कोषाध्यक्ष भी हैं. बारामती में एनसीपी (शरद गुट) को मजबूत करने के लिए उन्होंने काफी काम किया है. ऐसे में यह टक्कर अजित परिवार के सियासी करियर के लिए भारी भी साबित हो सकती है.

महायुति गठबंधन ने दिल्ली में की गहन चर्चा

उधर महाराष्ट्र में सीट बंटवारे के लिए दिल्ली में चल रही महायुति गठबंधन की बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राकांपा नेता प्रफुल पटेल, और प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे मौजूद थे. करीब 3 घंटे तक चली बैठक में तीनों दलों में सीट बंटवारे के साथ राज्य में चुनाव प्रचार व्यवस्था पर भी चर्चा की गई. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद महायुति के घटक दलों के उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी होने की संभावना बढ़ गई है. 

नवाब मलिक को टिकट देने का विरोध

बैठक में नवाब मलिक पर चर्चा हुई. महायुति के घटक दलों ने नवाब मलिक को टिकट देने का विरोध किया. इसी कारण राकांपा से मलिक को टिकट न देने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि सना मलिक की उम्मीदवारी हालांकि बरकरार रहेगी. अजीत पवार को अपने पार्टी नेता समीर भुजबल ने भी झटका दिया है. समीर भुजबल ने मुंबई एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. वे छगन भुजबल के भतीजे और पूर्व सांसद हैं. पार्टी टिकट न मिलने पर समीर भुजबल ने नासिक के नांदगांव से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतरने का संकेत दिया है. नादगांव से एकनाथ शिंदे गुट से सुहास कांदे को टिकट मिला है. ऐसे में समीर भुजबल के शरद पवार के साथ जुड़ने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं.

एमवीए में शुक्रवार को हो सकता है समझौता

एमवीए में सीट-बंटवारे को लेकर अंतिम समझौते की घोषणा शुक्रवार सुबह तक हो सकती है. कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने बृहस्पतिवार को कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन के सीट-बंटवारे को लेकर अंतिम समझौते की घोषणा शुक्रवार सुबह की जायेगी. इससे पहले विपक्षी गठबंधन ने बुधवार को घोषणा की थी कि कांग्रेस, राकांपा (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) कुल 288 में से 85-85 सीट पर चुनाव लड़ेंगे तथा शेष सीट के लिए बातचीत जारी है. शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को संकेत दिया कि एमवीए के सहयोगी दल आपस में कुछ सीटों की अदला-बदली कर सकते हैं. राज्यसभा सदस्य राउत ने यह भी संकेत दिया कि उनकी पार्टी 100 सीट पर चुनाव लड़ सकती है.

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