महायुति की आंधी के बीच चौथे नंबर पर लटके नवाब मलिक, अबू आजमी ने लगाया जीत का चौका
Advertisement
trendingNow12527782

महायुति की आंधी के बीच चौथे नंबर पर लटके नवाब मलिक, अबू आजमी ने लगाया जीत का चौका

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन महायुति सरकार बनाने जा रहा है लेकिन इस महाजंग में चल रही एक छोटी जंग सपा उम्मीदवार ने जीत ली है. जी हां मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से अबू आसिम आजमी ने नवाब मलिक को करारी शिकस्त दे दी है. दोनों के बीच खुद को मुसलमानों का बड़ा चेहरा साबित करने की जंग थी. 

महायुति की आंधी के बीच चौथे नंबर पर लटके नवाब मलिक, अबू आजमी ने लगाया जीत का चौका

Nawab Malik: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर पूरे देश को हैरान कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने एकतरफा जीत हासिल कर ली है और एक बार फिर महा विकास अघाड़ी (MVA) के सत्ता में आने के सपने के चकनाचूर कर दिया. हालांकि राज्य में महायुति की आंधी देखने को मिली लेकिन इस आंधी के बीच एक छोटी सी जंग में सपा उम्मीदवार ने अपनी ताकत दिखा दी. समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता अबु आसिम आजमी और एनसीपी (अजित पवार) के सीनियर नेता नवाब मलिक के बीच जारी चुनावी जंग में नवाब मलिक की शिकस्त हो गई है. 

अबू आजमी ने लगाया जीत का चौका

अबू आसिम आजमी और नवाब मलिक महाराष्ट्र विधानसभा की मानखुर्द शिवाजी नगर से आमने सामने थे. इस सीट अबू आजमी पहले भी तीन बार विधायक रह चुके हैं और उन्होंने इस बार जीत का चौका लगा दिया है. उनके खिलाफ खड़े नवाब मलिक दूसरे नंबर तक भी नहीं पहुंच पाए. मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से अबू आसिम आजमी के बाद AIMIM नेता अतीक अहमद खान दूसरे नंबर पर रहे. वहीं तीसरे नंबर शिवसेना उम्मीदवार सुरेश पाटिल हैं और चौथे नंबर नवाब मलिक आते हैं. ऐसे में कहा जाता सकता है कि इस जंग में नवाब मलिक पिछड़ गए हैं और जनता ने अबू आसिम आजमी को अपना नेता मान लिया है. 

पुराने दोस्त हैं नवाब मलिक और अबू आसिम आजमी?

पिछले कुछ समय से एक दूसरे के खिलाफ खुली जंग लड़ रहे नवाब मलिक और अबू आसिम आजमी कभी एक ही पार्टी में हुआ करते थे. नवाब मलिक और अबू आसिम आजमी समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता थे, दोनों का ही पूर्वांचन से संबंध है और महाराष्ट्र में अपनी सियासत करते हैं. लेकिन सियासत की उठ-पटक के बीच नवाब मलिक ने सपा का साथ छोड़ दिया और एनसीपी में चले गए. नवाब मलिक के एनसीपी में जाने के बाद अबू आसिम आजमी ने खुद को महाराष्ट्र के मुसलमानों का नेता बनाने की जद्दोजहद में लगा दिया और किसी हद तक वो कामयाब होते भी दिखाई दे रहे हैं.

अणुशक्तिनगर सीट से अबू आसिम ने चला दांव

यहां यह बात जिक्र करने लायक है कि अलग-अलग पार्टियां होने के बावजूद दोनों नेता एक दूसरे को चुनौती नहीं देते थे लेकिन इस बार के चुनाव उन्हें खुलकर आमने सामने आना पड़ गया. दरअसल नवाब मलिक मुंबई के अणुशक्तिनगर सीट से चुनाव लड़ते आए हैं और जीतते भी आए हैं उन्हें जीत भी मिली है. हालांकि इस बार के चुनाव में अबू आसिम आजमी ने नवाब मलिक की सीट अणुशक्ति नगर में सियासी दांव चलने की कोशिश की तो नवाब मलिक सीधे अबू आसिम के सामने खड़े हो गए. नवाब मलिक ने अपनी सीट अणुशक्ति नगर से अपनी बेटी सना मलिक को मैदान में उतारा तो महा विकास अघाड़ी में यह सीट सपा मांग रही थी लेकिन जब एनसीपी के कोटे में गई तो फहाद शरद पवार का दामन थामकर मैदान में उतर गए. हालांकि इस सीट से फहाद को भी शिकस्त मिलती दिखाई दे रही है.

मुसलमानों को अपनी तरफ खींचना चाहती थी NCP

वर्चस्व की इस लड़ाई में नवाब मलिक ने नामांकन दाखिल करने के बाद कहा था,'मैंने तय किया था कि अगर मुझे अपनी पार्टी मुझे  इस सीट से टिकट ना देती तो मैं निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ूंगा लेकिन आखिरी मौके पर पार्टी ने मानखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा सीट से टिकट दे दिया.' एनसीपी (अजित पवार) का नवाब मलिक को इस सीट से टिकट के देने के पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं. नवाब मलिक पार्टी के टॉप-5 नेताओं में से एक हैं. मलिक मुस्लिम समुदाय में एक बड़ा चेहरा हैं और उनका समर्थन खोने से पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान काफी नुकसान हुआ था. इसके अलावा अजित पवार मुस्लिम वोटों को भी अपनी तरफ खींचना चाहते हैं.

मानखुर्द-शिवाजी नगर सीट से किसको कितने वोट?

हालांकि जब नतीजे आए तो इस सीट से अबू आसिम आजमी को 54780 वोट मिले, AIMIM के अतीक अहमद खान 42027 वोटों के साथ दूसरे नंबर, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के उम्मीदवार 35263 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे. जबकि 15501 वोटों के साथ नवाब मलिक चौथे नंबर जा पहुंचे. 

नवाब मलिक के समीर वानखेड़े पर संगीन आरोप:

नवाब मलिक महाराष्ट्र के एक दिग्गज नेताओं में से एक हैं. वो महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) की सरकार में मंत्री पद पर थे. हालांकि जब एनसीपी दो धड़ों में बंटी तो वो उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खेमे में चले गए थे. पिछले कुछ समय से नवाब मलिक विवादों में भी रहे हैं. मुख्य रूप से मुंबई क्रूज ड्रग्स केस और मनी लॉन्ड्रिंग से भी उनका नाम जुड़ा रहा. नवाब मलिक ने महाराष्ट्र के मंत्री रहते हुए बीजेपी के नेताओं और अधिकारियों पर आरोप लगाए थे कि वे ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे. मलिक ने एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) के समीर वानखेड़े और अन्य अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाए कि वे अपनी पद का गलत इस्तेमाल कर रहे थे. उन्होंने दावा किया था कि समीर वानखेड़े की ईमानदारी पर सवाल उठाए और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप

नवाब मलिक पर भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मलिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि मलिक ने अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की है. इसके बाद नवाब मलिक को कोर्ट में पेश होना पड़ा और वे कुछ समय तक जेल में भी रहे. नवाब मलिक पर यह भी आरोप लगा है कि उनका दाऊद इब्राहिम जैसे अपराधियों से संबंध है. यह आरोप उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा लगाया गया है और इस पर कई बार विवाद हुआ है. 

Trending news