Reena Roy Interview: बागवान जैसा हो कोई अच्छा सब्जेक्ट, नई जनरेशन को देना चाहती हूं मैसेज
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Reena Roy Interview: बागवान जैसा हो कोई अच्छा सब्जेक्ट, नई जनरेशन को देना चाहती हूं मैसेज

Reena Roy Birthday: कालीचरण, नागिन और आशा जैसी फिल्मों की एक्ट्रेस रीना रॉय एक दौर में हिंदी फिल्मों की सबसे महंगी अभिनेत्री थीं. उनका जीवन उतार-चढ़ाव से भरा रहा. सात जनवरी उनका जन्मदिन है. 66 बरस की हो रहीं रीना रॉय फिल्मों में एक नई पारी के लिए तैयार हैं. उनके जन्मदिन पर यह खास बातचीत...

 

 

Reena Roy Interview: बागवान जैसा हो कोई अच्छा सब्जेक्ट, नई जनरेशन को देना चाहती हूं मैसेज

Reena Roy Films: आपने लंबे समय से खुद को स्लो-डाउन कर रखा था. फिल्मी माहौल से लंबे समय से दूर थीं. क्या वजह थी इसकीॽ
-जब मेरी बेटी पाकिस्तान से लौट कर आई तो मैंने तय किया कि पूरा समय उसकी परवरिश में लगाऊंगी क्योंकि आज के समय में बड़ी होती बेटियों के साथ मां का होना जरूरी है. बेटी पढ़ाई कर रही थी तो मैं उसकी और घर की देखभाल कर रही थी. अब बेटी की पढ़ाई हो चुकी है. उसने एमबीए किया है. आगे बिजनेस मैनेजेंट का कोर्स कर रही है. अतः अब मैं फिल्मों में वापस लौटने की योजना बना रही हूं. ओटीटी से भी कुछ ऑफर आए हैं. बातचीत हुई है. मगर अभी कोई निर्णायक फैसला नहीं लिया है.

-फिल्मी परिवारों के बच्चे फिल्मों में आना चाहते हैं...
-मुझे लगता है पढ़ाई जरूरी है. स्कूल जाएं तो बच्चों का फोकस बराबर रहता है. उन्हें पता होता है कि लाइफ में क्या करना है. मैंने बहुत कम उम्र में काम शुरू कर दिया था, इसलिए मेरी पढ़ाई ठीक से नहीं हुई. मैं बराबर स्कूल नहीं जा सकी. घर में ट्यूशन से पढ़ाई की.

-फिल्म या ओटीटी पर आप किस तरह के रोल करना चाहती हैंॽ
-मैं तो अपने हिसाब से चाहूंगी. फिर भी जैसे बागवान फिल्म थी. आज खास तौर परिवारों में जो हालात हैं, यूथ की जैसी स्थिति है, मुझे लगता है कि अपने काम से कुछ मैसेज दे सकूं. कोई अच्छा सब्जेक्ट हो. जिंदगी इतनी तेज रफ्तार हो चुकी है कि बच्चे समझ नहीं पा रहे हैं, क्या सही और क्या गलत है.

-क्या आप आज की फिल्में और वेबसीरीज देखती हैंॽ
-मैं ज्यादातर साउथ का सिनेमा देखती हूं, लेकिन मुझे पता है कि हिंदी फिल्मों और वेबसीरीजों में क्या बन रहा है.

-साउथ की फिल्में देखने की कोई खास वजहॽ
-वे अच्छी लगती हैं. मैंने और जितेंद्र ने साउथ के निर्माताओं के साथ काफी काम किया है. ऐसी फिल्में की हैं, जो साउथ की रीमेक होती थीं. मैं अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों में भी काम करना चाहती हूं क्योंकि उन दिनों में हिंदी में इतनी बिजी थी कि ऑफर्स आने के बावजूद मैं उन फिल्मों में काम नहीं कर सकी. मैं भोजपुरी और पंजाबी फिल्में करना चाहती हूं. मेरे पास तब गुजराती फिल्म के ऑफर थे, मगर समय की कमी के कारण नहीं कर सकी. अब करना चाहती हूं.

-क्या आप सोशल मीडिया पर हैंॽ
-बिल्कुल नहीं. मेरा पूरा ध्यान सिर्फ घर पर है.

-आप इंडस्ट्री में किन पुराने दोस्तों के संपर्क में हैंॽ
-मैं मुमताज जी के संपर्क में हूं. लंदन से वह जब अप-डाउन करती हैं, तो बात करते हैं. मिलते हैं. जरीना वहाब, वह बांद्रा में ही रहती हैं. डिंपल हैं, हनी ईरानी हैं, जीनत अमान हैं. कभी बातें होती हैं, कभी आना-जाना होता है.

-मीडिया में ऐसी खबरें भी हैं कि आप एक्टिंग स्कूल चलाती हैंॽ
-गलत है. अभी हमें ही खुद एक्टिंग नहीं आती तो किसी को क्या सिखाएंगे. फिर हमने भी कहीं जाकर एक्टिंग नहीं सीखी, नेचुरल काम किया है.

-आपने कम उम्र से फिल्मों काम शुरू किया, इंडस्ट्री में लंबा दौर देखा, निजी जिंदगी में उतार-चढ़ाव वाली रही. क्या आपने इन बातों को किताब की शक्ल में लाने का सोचा हैॽ
-जल्द ही इस बारे में आपको खबर करेंगे. मेरे मैनेजर इस काम को देख रहे हैं क्योंकि पब्लिशर्स और कई लोग चाहते हैं कि मेरी बायोग्राफी आए. किताबें घर में सजी हुई भी सुंदर लगती हैं. नए साल में यह भी करने का सोचा है.

-यह रीमेक और रीमिक्स का दौर है. आपने कई फिल्में की. आपके हिसाब से आपकी कौन सी फिल्म है, जिसे इस दौर के हिसाब से अच्छे ढंग से रीमेक किया जा सकता हैॽ
-मुझे लगता है कि मेरी फिल्म आशा (1980) बहुत अच्छी रहेगी. नागिन (1976) सदाबहार है. सबसे पहले वैजयंतीमाला बनीं, फिर हम आए. हमारे बाद श्रीदेवी नागिन बनीं. इधर तो नागिन सीरियल में भी हिट है. कई अच्छे डायरेक्टर हैं, जो अपनी इमेजिनेशन से बढ़िया एक्टर्स के साथ मेरी फिल्म का खूबसूरत रीमेक कर सकते हैं. उसमें कई गिमिक्स, कई आकर्षित करने वाली चीजें भी हैं.

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