बॉयज लाकर रूम मामले की जांच में सामने आया है कि दो व्यक्तियों के बीच कथित तौर पर स्नैपचैट की बातचीत, जिसमें 'यौन उत्पीड़न' के बारे में बात की गई थी.
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नई दिल्ली: बॉयज लाकर रूम (Bois Locker Room) मामले की जांच में सामने आया है कि दो व्यक्तियों के बीच कथित तौर पर स्नैपचैट की बातचीत हुई थी जिसमें 'यौन उत्पीड़न' के बारे में बात की गई थी. एक नाबाकिग लड़की द्वारा नकली प्रोफाइल के जरिये एक काल्पनिक नाम 'सिद्धार्थ' के जरिए दूसरे नाबालिग लड़के के मूल्यों और कैरेक्टर को जानने के लिए ये सब किया. दिल्ली साइबर सेल (Delhi Cyber Cell) की जांच में सामने आया कि सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर बने बॉयज लॉकर रूम में 20 से ज्यादा सदस्य आपस मे चैट कर रहे थे और लड़की की अश्लील तस्वीरें भी डालकर लड़की के साथ गैंगरेप जैसी चैट हो रही थी.
बॉयज लॉकर रूम ग्रुप की सारी चैट सोशल मीडिया में पब्लिक प्लेटफॉर्म पर आने के बाद दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने आईटी एक्ट के तहत जांच शुरू की और नोएडा के रहने वाले ग्रुप के एडमिन को गिरफ्तार कर लिया. एक नाबालिग को भी साइबर सेल ने पकड़ा है. साइबर सेल से 24 से ज्यादा छात्रों से भी पूछताछ की है.
साइबर सेल ने अपनी जांच मे पाया कि बॉयज लॉकर रूम ग्रुप के सदस्यों के बीच कथित चैट के स्क्रीनशॉट सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध थे. उनके आधार पर, एक लड़के की पहचान की गई और केस दर्ज करने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया और अपराध के में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन को जब्त कर लिया गया. ग्रुप के बाकी सदस्यों की जानकारी जुटाई गई, की वो कहां रहते हैं, कहां पढ़ते हैं, उसकी आपस जान-पहचान कैसे हुई में सभी की पहचान करने के बाद 24 लड़कों से पूछताछ की गई और उनके मोबाइल फोन को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेज दिया गया.
कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए कई स्क्रीनशॉट्स में, एक-से-एक स्नैपचैट वार्तालाप का एक स्क्रीनशॉट है, जहां 'सिद्धार्थ' नाम का एक व्यक्ति एक लड़की को दूसरे व्यक्ति को उत्तेजित यौन हमले की योजना का सुझाव दे रहा है. जांच से पता चला है कि कथित स्नैपचैट बातचीत वास्तव में एक लड़की और एक लड़के के बीच है जिसमें लड़की 'सिद्धार्थ' नाम के एक काल्पनिक स्नैपचैट खाते के माध्यम से चैट संदेश भेज रही है.
एक पुरुष व्यक्ति की नकली पहचान का उपयोग करते हुए, उसने चैट में सुझाव दिया, खुद को यौन उत्पीड़न करने की योजना. एक नकली, काल्पनिक पहचान का उपयोग करके इस तरह के चैट संदेश भेजने का उद्देश्य रिसीवर लड़के की प्रतिक्रिया और उसके चरित्र की ताकत की जांच करना था, खासकर जब कोई खुद लड़की के बारे में बुरी बातें करता है.
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लड़की, इस तथ्य को जानने के बाद ही उसने सिद्धार्थ नाम से बनाए गए फर्जी अकाउंट को बंद कर दिया लेकिन तब तक ग्रुप की चैट और स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके थे. इसके बाद स्कूली छात्रों के बीच मे होने वाली बातें और अश्लील चैट की कहानी सब तरफ आ गई थी और बहस का मुद्दा भी बन गई थी. साइबर सेल की जांच में अब सामने आया है कि लड़की के साथ रेप और गैंगरेप करने की योजना बनाने के लिए उकसाने का काम कोई ओर नहीं बल्कि सिद्धार्थ नाम के लड़के के आईडी से फर्जी अकाउंट बनाकर एक लड़की ही कर रही है.