Punjab Crime Gay serial killer: आपने एक से बढ़कर एक खौफनाक, बर्बर अपराधियों, खूंखार हत्यारों, क्रिमिनल्स और माफियाओं की दरिंदगी के किस्से पढ़े होंगे. लेकिन अब आपको जिस सीरियल किलर के बारे में बताने जा रहे हैं, उसके बारे में जानकर हो सकता है कि आपकी रूह कांप जाएगी. या आपका दिमाग खराब और मन खट्टा हो जाएगा. प्रेम त्रिकोण में हुए मर्डर हों या लव जिहाद में माशूकाओं को टुकड़े-टुकड़े करके बहा देने, जला देने या दृश्यम फिल्म की तरह दफनाने के बाद भी अगर किसी को ये लगता है कि वो बच जाएगा तो वो गलत है.


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इस क्राइम थ्रिलर में पंजाब, पुलिस ने एक ऐसे सीरियल किलर को गिरफ्तार किया, जिसने 11 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. राम सरूप नाम का ये हत्यारोपी लोगों को लिफ्ट देने के बाद, पहले उनके साथ कुकर्म करता और फिर लूटपाट करके मार देता था. खुद के गे होने की बात खुलने के डर से वो उनकी हत्या कर देता था.


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18 महीने में 11 मर्डर


सीरियल किलर की पहचान होशियारपुर जिले के चौरा गांव के 33 साल के राम सरूप उर्फ सोढ़ी के रूप में हुई. सीरियल किलर राम स्वरूप सोढ़ी के ज्यादातर शिकार ट्रक ड्राइवर, मजदूर या सड़क किनारे चाय बेचने वाले होते थे. उसने 18 महीने में 11 लोगों को मार दिया. वो मानसिक रूप से विकृत था. उसने एक साथ कई मकसद पूरा करने के लिए इतने लोगों को मौत के घाट उतार दिया. उसके शिकार हुए लोगों में एक पार्षद का भाई भी था.


पत्नी ने छोड़ दिया


सैकड़ों क्राइम सीरियल्स और वेब सीरीज देखने के बाद बस दो चीजें ही समझ आती हैं. पहला- परफेक्ट क्राइम नाम की कोई चीज नहीं होती. दूसरा- सबूत और राज चाहे पाताल में क्यों न दबे हों, समय आने पर धरती और समंदर का सीना चीरकर बाहर आ जाते हैं. अपराधी कितना शातिर हो वो कानून से लुकाछिपी खेल सकता है, पर बच नहीं सकता है. ये मामला भी ऐसा ही है. राम सरूप शादीशुदा था, समलैंगिक यानी गे होने के चलते पत्नी ने छोड़ दिया था. 


औरतों का भेस


पुलिस ने कहा कि उसके शिकार पुरुष होते थे जिन्हें वह अपनी कार में लिफ्ट देता था और फिर उन्हें लूट लेता था और विरोध करने पर उनकी हत्या कर देता था.  कहा जाता है कि कई बार आरोपी फीमेल गेटअप में होता था. 


लाश के पैर छूकर मांगता था माफी


हाड़कपा देने वाली ठंड के इस मौसम में कलेजा थरथरा देने वाली जुर्म की ये कहानी का ये खलनायक भी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. उसकी गिरफ्तारी तब हुई, जब उसने टोल प्लाजा पर चाय-पानी बेचने वाले 37 साल के शख्स को शिकार बनाया. पर इस बार वो बच न सका और पुख्ता सुराग मिलने के बाद उसे रूपनगर जिले से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसे लोगों को मारने का पछतावा होता था, इसके तो फिर लाश के पैर छूकर माफी भी मांग लेता था. 


पीठ पर लिखा - 'धोखेबाज'


तमाम फिल्मों में अपराधी क्राइम करने के बाद अपना निशान वहां छोड़ देता है. कुछ उसी तरह ये सनकी सीरियल किलर लोगों की हत्या करने के बाद वहां अपना निशान छोड़ता था. उनकी पीठ में धोखेबाज लिख देता था. पुलिस पूछताछ में आरोपी ने फतेहगढ़ साहिब और होशियारपुर में सेम मोटिव से मर्डर करने की वारदातें कबूली हैं. वो अपने पीड़ितों का गला घोंट देता था, जिन लोगों को देख कर उसे लगता था कि वो उसे काबू नहीं कर पाएगा उनको निशाना बनाने के लिए वो ईंट का इस्तेमाल करके लहूलुहान कर देता था. फिर वो ये नहीं देखता था कि वो जिंदा है या मर गया. उसके पास से कीमती सामान या पैसे लूटकर वो उनके साथ कुकर्म करता था. जिन लोगों को राम सरूप ने मारा, उनमें एक पूर्व फौजी भी शामिल था और अपनी मौत से पहले सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करता था. उसे मारने के बाद राम सरूप ने उसकी पीठ पर धोखेबाज लिख दिया था.


राम स्वरूप सफाई कर्मी था. उसने हाई स्कूल में पढ़ाई छोड़ दी थी. वो 2005 में दुबई गया जहां उसने मजदूरी की. 2006 में लौटकर होशियारपुर में मजदूरी करने लगा. समय का पहिया आगे घूमा तो शादी हुई. 2022 में उसकी पत्नी और बच्चे ने उससे दूरी बनाई. उसकी विकृत मानसिकता ने कई घर उजाड़ दिए. अब उसकी बाकी जिंदगी जेल में बीतेगी या एक दिन उसे फांसी पर चढ़ा दिया जाएगा.