Haridwar Jail: देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार में एक ऐसा मामला सामने आया कि पूरे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. दरअसल यहां हर साल की तरह इस बार भी रोशनाबाद जेल में रामलीला का मंचन चल रहा था. इसी दौरान दो कैदी मौका देखकर फरार हो गए. रामलीला और जेल में हो रहे निर्माण कार्य का फायदा उठाकर दोनों भाग निकले. रामलीला मंचन के दौरान इधर माता सीता की खोज हो रही थी, उधर दो वानर रूपी कैदी दीवार फांद कर भाग निकले. सभी लोग रामलीला मंचन के दृश्यों में सराबोर थे और किसी को भी घटना का पता नहीं लग सका. अब इस मामले में ये अपडेट सामने आया है कि हरिद्वार जेल ब्रेक कांड की पटकथा तीन दिन पहले लिखी जा चुकी थी.


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हरिद्वार पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह हकीकत उजागर हुई है. कैदी जान गए थे कि जेल प्रशासन पूरी तरह से लापरवाही की चादर ओढ़कर आराम  फरमा रहा है, इसलिए वे अपनी प्लानिंग में जुटे और कामयाब भी रहे. 


हरिद्वार जेल में गजब हो गया


यहां रामलीला में सीताहरण का मंचन हो रहा था. सीता माता का हरण हो गया था. अब बारी थी हनुमान जी और उनकी सेना की. हनुमान बना कैदी माता सीता की खोज में निकला तो वापस ही नहीं लौटा. 2 और कैदी भी माते....माते.....माते....करते हुए माता सीता की खोज में निकल लिए. 


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रामलीला आगे जब अपने संपूर्ण होने पर पहुंची तो माता सीता तो मिल गईं. लेकिन मंचन के समय से फरार हुए कैदियों को कोई सुराग अबतक नहीं लग सका है. आपको बताते चलें कि जेल कैंपस में खेती का काम भी होता है. सब्जियां उगाने का कार्य भी कैदियों से लिया जाता है. जेल से फरार हुए शूटर पंकज, रामकुमार ने तीसरे साथी छोटू के साथ खेत में कार्य करने के दौरान तीन दिन पूर्व ही जेल से फरार होने की योजना बनाई थी. उन्होंने जेल से फरार होने के लिए शुक्रवार का टाइम सेट किया था. तयशुदा कार्यक्रम के तहत वो सीढ़ी-पाइप लेकर जेल के अंतिम छोर पर पहुंचे. उसके बाद करीब दस और नौ फुट की दो सीढ़ी को कपड़ों से बांधकर एक बना लिया.


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उसके बाद लोहे के पाइप का इस्तेमाल जेल की दीवार फांदकर पुलिस लाइन में उतरने के लिए किया. पहले पंकज उतरा, फिर रामकुमार ने दीवार फांदी. छोटू इसलिए नहीं फरार हो पाया, क्योंकि वो सीढ़ी को थामे हुए था. जब वो सीढ़ी पर चढ़ा, तब सीढ़ी गिर गई और इस वजह से वह भाग नहीं सका. पंकज और रामकुमार शातिर थे, वो मौका देखकर निकल लिए.