बदलापुर कांड के आरोपी अक्षय शिंदे का एनकाउंटर करने वाले इंस्पेक्टर संजय शिंदे कौन हैं?
Badlapur Sexual Assault: बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों के बलात्कार का आरोपी अक्षय शिंदे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. इंस्पेक्टर संजय शिंदे की गोली ने अक्षय को ढेर कर दिया.
Badlapur Akshay Shinde Encounter: महाराष्ट्र के बदलापुर कांड में आरोपी अक्षय सिंह का सोमवार को पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया. 23 साल के अक्षय पर एक स्कूल में दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था. पुलिस के मुताबिक, तलोजा जेल से बदलापुर ले जाते समय अक्षय ने एक पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीन ली. इसके बाद उसने फायर झोंक दिए. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और अक्षय मारा गया. अक्षय की मौत सीनियर इंस्पेक्टर संजय शिंदे की गोली से हुई. संजय शिंदे की गिनती तेजतर्रार अफसरों में होती है. वह 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' प्रदीप शर्मा की टीम का हिस्सा थे. शर्मा की उस टीम में संजय शिंदे भी शामिल थे जिसने 2017 में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को पकड़ा था.
बदलापुर कांड: कौन हैं संजय शिंदे?
संजय शिंदे उस स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का हिस्सा हैं जिसे बदलापुर रेप केस की जांच सौंपी गई थी. वह मुंबई पुलिस में भी रहे हैं. शर्मा जब ठाणे क्राइम ब्रांच में एंटी-एक्सटॉर्शन सेल लीड कर रहे थे, तब उनकी टीम में संजय शिंदे भी थे. शर्मा को इसी साल एक फर्जी एनकाउंटर केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. शर्मा की तरह संजय शिंदे का भी विवादों से गहरा नाता रहा है.
2012 में हत्या के दो मामलों में आरोपी विजय पालंडे पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था. जिस एसयूवी में वह भागा, कथित तौर पर उसमें संजय शिंदे की वर्दी मिली थी. जांच में पता चला कि विजय और संजय एक-दूसरे को जानते थे. आरोप लगा कि पालंडे को भगाने में संजय ने मदद की. तब उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था मगर 2014 में बहाल कर दिया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय के खिलाफ एक और जांच तब बैठी थी जब उन्होंने एक बार में शराब पीने के बाद दूसरे पुलिसवाले पर गोली चला दी थी.
कैसे हुआ अक्षय शिंदे का एनकाउंटर?
पुलिस के मुताबिक, अक्षय शिंदे को उसकी पूर्व पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए एक अन्य मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था. तभी उसने पुलिसकर्मियों में से एक की रिवॉल्वर छीन ली और गोली चला दी. इसके जवाब में पुलिस ने भी गोलीबारी की. घटना के बाद, उसे कालवा स्थित एक अस्पताल ले जाया गया, जहां चोटों के चलते उसने दम तोड़ दिया.
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पुलिस का बयान पढ़िए
ठाणे पुलिस ने एक बयान में कहा, 'पुलिस टीम ने शाम 5:30 बजे उसे अपनी हिरासत में लिया. वापसी में पुलिस की गाड़ी शाम 6 से 6:15 बजे के बीच मुंब्रा बाईपास पर थी, तभी आशके अन्ना शिंदे (24) ने एपीआई नीलेश मोरे की सर्विस रिवॉल्वर छीन ली और पुलिस दल पर तीन गोलियां चला दी. एक गोली मोरे के पैर में लगी. दो अन्य गोलियां इधर उधर चली गईं.' पुलिस ने कहा, 'आत्मरक्षा में पुलिस दल के एक अन्य अधिकारी ने आरोपी पर एक गोली चलाई, जिससे वह घायल हो गया. एपीआई मोरे और शिंदे को कलवा सिविक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मोरे को जुपिटर अस्पताल रेफर कर दिया. कलवा सिविक अस्पताल के डॉक्टरों ने शिंदे को मृत घोषित कर दिया. उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल भेजा जाएगा.'
अक्षय की हत्या पर राजनीति तेज
विपक्षी दलों ने पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया कि यह मुठभेड़ कुछ अन्य लोगों को बचाने के लिए की गई. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, 'क्या यह सबूत नष्ट करने का प्रयास है? उसने रिवॉल्वर कैसे छीन ली और पुलिस इतनी लापरवाह कैसे थी? हम इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हैं.'
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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस ने आरोपी अक्षय शिंदे को आत्मरक्षा में गोली मारी. NCP (SP) प्रमुख शरद पवार ने X पर एक पोस्ट में कहा, 'आरोपी को कानूनी प्रावधानों के अनुसार फांसी दी जानी चाहिए थी, लेकिन उसे (तलोजा जेल से) स्थानांतरित करते समय गृह विभाग की कार्रवाई संदिग्ध है.' उन्होंने घटना की गहन जांच की मांग की. (भाषा इनपुट्स)