नई दिल्ली: ट्रक से लेकर मोटर साइकिल तक, सभी प्रकार के गाड़ियों में हॉर्न होते हैं. सड़क पर आप निकल जाएं, तो सिर्फ हॉर्न की आवाज सुनाई देती है. गाड़ियां इसका इस्तेमाल अपने सामने वाली गांड़ी से रास्ता मांगने के लिए और लोगों को हटाने के लिए करती हैं. ठीक इसी तरीके से ट्रेन भी हॉर्न का इस्तेमाल किया जाता है. किसी भी स्टेशन या क्रांसिंग से गुजरने से पहले ट्रेन हॉर्न से सूचना दे देती है कि वह आ रही है. ठीक इसी तरीके से स्टेशन से रवाना होने से पहले भी ट्रेन हॉर्न का इस्तेमाल करते बताती है कि अब वह जा रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं गाड़ियों और ट्रेन के अलावा हवाई जहाज में भी हॉर्न होते हैं? हालांकि, इनका इस्तेमाल काफी अलग होता है. आज के Knowledge पैकेज में हम आपको इसके बारे में ही बताएंगे. 


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क्यों लगे होते हैं हवाई जहाज में हॉर्न?
आप सोच रहे होंगे कि हवाई जहाज में हॉर्न का इस्तेमाल पक्षियों को भगाने के लिए किया जाता होगा.  या फिर इसका इस्तेमाल सफर के दौरान दूसरे हवाई जहाज को सूचित करने के लिए किया जाता होगा. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. हवाई जहाज में हॉर्न होते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल सिर्फ जमीन पर रहते हुए ही किया जाता है. इसका इस्तेमाल ग्राउंड पर मौजूद मैकेनिकल टीम को संदेश देने किया जाता है. इससे पायलट ये बताता है कि वह आगे बढ़ने वाला है या नहीं.  कुल मिलकार यह पायलट और ग्राउंड मैन के बीच संचार का एक तरीका है. 


कहां लगे होते हैं ये हॉर्न?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हॉर्न हवाई जहाज के पहियों के पास लगे होते हैं. इनकी आवाज में भिन्नता होती है. किसी भी हवाई जहाज का हॉर्न की आवाज, उसे बनाने वाली कंपनी के ऊपर निर्भर करती है. एक और खास बात है कि हॉर्न का बटन कार या बाइक की तरह हैंडल पर नहीं होता है. बल्कि ये किस्म का कमांड बटन होता है, जो अन्य कमांडों के बीच में होता है और इसे GND कहा जाता है.