60 प्रतिशत लाने वाला मात्र 4 घंटे पढ़ाई कर बना UPSC Topper, हासिल की 3rd रैंक
IAS Officer Junaid Ahmed Success Story: जुनैद ने तैयारी के दैरान खुद को रिफ्रेश रखने के लिए अक्सर खेल और जिम का सहारा भी लिया. यहां तक कि वे कई बार मूवी भी देखने जाया करते थे.
IAS Officer Junaid Ahmed Success Story: हम सभी जानते हैं कि बड़े होने पर घर के लड़के के ऊपर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ जाती है. हालांकि, वही लड़का जब स्कूल और कॉलेज में होता है, तब वह इन सब चीजों की चिंता नहीं करता और पूरी मस्ती में इस समय को जीता है. अक्सर वे स्कूल व कॉलेज में पढ़ाई पर भी कुछ खास ध्यान नहीं देते. इसलिए आज के समय में टॉपर्स की लिस्ट में लड़को का नाम भी कम ही आता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे लड़के के बारे में बताएंगे, जिनके स्कूल और कॉलेज में कभी 60% से अधिक अंक नहीं आए, लेकिन उन्होंने केवल 4 घंटे की पढ़ाई में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर डाली और साथ ही यूपीएससी टॉपर भी बन गए.
हासिल की ऑल इंडिया तीसरी रैंक
दरअसल, हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर जुनैद अहमद (IAS Officer Junaid Ahmed) की, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया तीसरी रैंक हासिल कर एक मिसाल कायम कर दी और सबको यह बता दिया कि एक औसत छात्र भी यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में टॉप कर सकता है. यूपीएससी टॉपर बनने के बाद जब उन्होंने यह बात अपने परिवार वालों और दोस्तों को बताई, तो वे पूरी तरह से दंग रह गए और यह विश्वास ही नहीं कर पा रहे थे कि यह कैसा हुआ.
हमेशा से रहे एवरेज स्टूडेंट
जुनैद अहमद उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार से आते हैं. उनके पिता जावेद हुसैन पेशे से वकील हैं और मां आयश रजा एक हाउस मेकर हैं. बता दें कि जुनैद बिजनौर के नगीना कस्बे में पले-बढे हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई वहीं से हुई है, जहां वे एक औसत छात्र ही थे. इसके बाद 10वीं और 12वीं की परीक्षा में भी उनके लगभग 60 प्रतिशत अंक ही आए थे. जुनैद ने कक्षा 12वीं पास करने के बाद नोएडा के शारदा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और वहां भी उनके 65% अंक ही आए. कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद जुनैद के मन में IAS अधिकारी बनने का ख्याल आया.
खुद पर भरोसा कर शुरू की IAS बनने की तैयारी
हालांकि, उन्हें परीक्षा और उससे जुड़ी अन्य चीजों की कोई जानकारी नहीं थी, इसलिए सबसे पहले उन्होंने इसके बारे में रिसर्च शुरू की और फिर तैयारी शुरू कर दी. साल 2013 से उन्होंने खुद को पढ़ाई में पूरी तरह से झोंक दिया. घर वालों का भी उन्हें पूरा सपोर्ट मिल रहा था. शुरुआत में जुनैद को तैयारी करने में काफी मुश्किलें आईं, लेकिन जब एक बार वह कन्विंस हो गए कि वह IAS बन सकते हैं तो उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
तैयारी के दौरान लिया इस चीज का सहारा
जुनैद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, "उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया स्थित जामिया रेजीडेंशियल कोचिंग अकादमी से कोचिंग ली थी. यहां रहना, खाना समेत कोचिंग मुफ्त थी. वह अक्सर खुद को रिफ्रेश करने के लिए खेल और जिम का भी सहारा लेते थे, कभी-कभार मूवी देखने भी जाते थे."
केवल 4 घंटे करते थे पढ़ाई
जुनैद के मुताबिक, सिविल सर्विसेज की तैयारी की शुरुआत में वे 8 से 10 घंटे लगातार पढ़ाई करते थे. बेसिक समझ में आने के बाद उन्होंने तैयारी का समय घटा कर 4 घंटे कर दिया. जुनैद का मानना है कि घंटे देखकर पढ़ाई नहीं होती, बस जो भी पढ़ें, ध्यान लगाकर पढ़ें, तो सफलता जरूर मिलेगी. जुनैद ने सिविल सेवा की चार बार परीक्षा देने के बाद पांचवी बार की परीक्षा में सफलता हासिल की थी.
दो बार क्रैक की UPSC परीक्षा
जुनैद का चौथे अटेंप्ट में जब पहली बार यूपीएससी क्लियर हुआ तब उनकी 352 रैंक आई थी, जिसके बाद उनका भारतीय राजस्व सेवा में चयन हुआ था. हालांकि जुनैद का सपना भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का था. इसी के चलते उन्होंने पांचवीं बार फिर से परीक्षा दी और यूपीएससी सिविल सेवा 2018 की परीक्षा में ऑल इंडिया तीसरा स्थान हासिल किया.