नई दिल्लीः IAS Success Story Nitin Shakya: स्कूल में एग्जाम के दौरान मैनेजमेंट ने एक बच्चे को इसलिए एडमिट कार्ड देने से मना कर दिया, क्योंकि उन्हें लगता था कि वह बच्चा एग्जाम में फेल होकर उनकी स्कूल का नाम बिगाड़ देगा. छात्र की मां ने स्कूल से विनती की, तब जाकर उसे एग्जाम में बैठने दिया गया. अपने स्कूली जीवन की यह घटना IAS नितिन शाक्य के जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुई. 


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इस घटना के बाद नितिन ने अपनी लाइफ में उच्चतम मुकाम हासिल करने का लक्ष्य रखा. उन्होंने स्टडीज में मेहनत की, पहले तो वह डॉक्टर बने, फिर अपना प्रोफेशन चेंज कर यूपीएससी की तैयारी करने में लग गए और IAS अफसर बनकर ही माने. 


मेडिकल एंट्रेंस भी किया क्लीयर
स्कूल की घटना के बाद नितिन ने स्कूल में भी अच्छा प्रदर्शन किया, उनका कॉन्फिडेंस काफी बढ़ गया और पढ़ाई में लगन व निरंतरता जारी रखते हुए उन्होंने मेडिकल कॉलेज का एंट्रेंस एग्जाम भी क्लीयर कर दिखाया. उन्होंने मेडिकल फील्ड में ही UG और PG की डिग्री हासिल की.


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दो अटेम्प्ट में हुए फेल 
मेडिकल एग्जाम क्लीयर करना और डॉक्टर बनना अपने आप में चुनौतीपूर्ण है, लेकिन नितिन को और भी चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को हासिल करना था. इसीलिए उन्होंने अपनी फील्ड चेंज की और मेडिकल के बाद UPSC की तैयारी करना शुरू कर दिया. शुरुआती दो अटेम्प्ट में वह सफल नहीं हो सके, लेकिन तीसरे अटेम्प्ट में उन्होंने एग्जाम क्लीयर कर दिखाई. 


लापरवाही ने सपने पर लगाया ब्रेक!
UPSC की प्रिपरेशन के बाद नितिन ने पहले ही अटेम्प्ट में मेंस एग्जाम क्लीयर कर दिखाया और वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गए. पहले अटेम्प्ट में मिली सफलता के बाद उन्हें UPSC आसान लगने लगी, लेकिन उनकी इसी लापरवाही के कारण उन्होंने तैयारी में ढील दी. जिसका नतीजा यह हुआ कि दूसरे अटेम्प्ट में वह मेंस भी क्लीयर नहीं कर सके. 


अपनी गलती पर काम करते हुए उन्होंने तीसरे अटेम्प्ट के लिए प्रिपरेशन करने लगे और प्लान बनाकर उस पर काम किया. तीसरी बार की तैयारी का फल मिला और वह IAS अधिकारी बन ही गए. 


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अभ्यर्थियों को दी ये सलाह
नितिन का कहना है कि अगर आप कुछ ठान लें तो कड़ी मेहनत की बदौलत आप उसे जरूर हासिल कर सकते हैं. नितिन के अनुसार UPSC एग्जाम क्लीयर करने के लिए अभ्यर्थियों को कड़ी मेहनत, बेहतर रणनीति और पॉजिटिव अप्रोच की जरूरत होगी. प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थी का सेल्फ कॉन्फिडेंस भी काफी अहम रोल प्ले करता है. 


नितिन का कहना है कि इन एग्जाम्स में असफलता के बाद भी व्यक्ति को निराश नहीं होना चाहिए. उन्हें लगातार मेहनत करते रहना चाहिए. कठिन मेहनत करने वालों को फल जरूर मिलता है. 


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