वाशिंगटन : अमेरिकी विश्वविद्यालयों में शिक्षा हासिल करने की ख्वाहिश रखने वाले छात्रों को भारतीय दूतावास ने सलाह दी है कि वे जिस यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहते हैं, वहां जाने से पहले पूरी तरह तसल्ली कर लें कि कहीं आप धोखाधड़ी के शिकार तो होने नहीं जा रहे. बीते महीने करीब 100 भारतीय छात्र उस वक्त असमंजस में पड़ गये थे जब उन्हें यह समझ में आया कि जिस यूनिवर्सिटी का उन्होंने फॉर्म भरा है वह वास्तव में फर्जी है.


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छात्र खासतौर पर तीन बातों का ख्याल रखें
दूतावास की तरफ से सलाह में कहा गया कि ऐसे छात्र खासतौर पर तीन बातों का ख्याल रखें. पहली बात यह कि यूनिवर्सिटी किसी कैम्पस से चल रहा है या फिर उसके पास महज प्रशासनिक कमरा है और वह वेबसाइट ही चला रहा है. दूसरी बात यह है कि क्या उसके पास टीचर हैं या नहीं और तीसरी बात यह कि विश्वविद्यालय क्या पढ़वाएगा और वह नियम से कक्षा चलवाता है या नहीं.


129 भारतीय छात्रों को गिरफ्तार किया था
दूतावास की तरफ से आगे कहा गया कि ऐसी यूनिवर्सिटी में दाखिला ले चुके छात्रों के पास भले ही नियमित स्टूडेंट वीजा हो, लेकिन वे कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं और उन्हें अमेरिका से बैरंग लौटना पड़ सकता है. गौरतलब है कि कुछ समय पहले अमेरिकी प्रशासन ने 'पे टू स्टे' वीजा रैकेट का भांडाफोड़ करके 129 भारतीय छात्रों को गिरफ्तार कर लिया था. इन छात्रों ने फेक यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया था.



भारतीय दूतावास के प्रवक्ता शंभु हक्की ने इस परामर्श में कहा, 'ये सुनिश्चित करने के लिए कि भारतीय छात्र किसी 'जाल' में न फंसे, ये सलाह दी जाती है कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों में प्रवेश से पहले अच्छी तरह जांच पड़ताल कर लें.'