Knowledge With Facts: प्रकृति रहस्यों में भरी पड़ी हैं, इसके बारे में रोज ही दिलचस्प बातें हमें पता चलती रहती है. हम अपने आसपास देखे तो कई चीजें ऐसी हैं, जिनके बारे में सोचने पर बहुत हैरानी होती है. अब जैसे पौधों को ही देख लीजिए, उन्हें पता होता है कि सनलाइट कहां से आ रहा है.


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इसका सबसे बड़ा उदाहरण है सूरजमुखी का पौधा, लेकिन क्या आपके मन में यह सवाल नहीं आया कि जब पौधों में न तो दिमाग होता है और ना ही आंखें तो उन्हें कैसे पता चलता है कि सूरज का प्रकाश कहां से आ रहा है? आइए यहां जानते हैं...


रोशनी को कैसे देख लेते हैं पौधे? 
वैज्ञानिकों ने इस रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश की और इसमें सफलता हासिल की है कि आखिर कैसे पौधों को सूरज की रोशनी की दिशा का अंदाजा हो जाता है. बायलॉजी और इंजीनियरिंग एक्सपर्ट्स ने एक स्टडी में यूएनआईएलके प्रोफेसर क्रिश्चियन फैंकहॉसर की टीम, ईपीएफएल के साथियों की मदद से एक खोज की है.


इसके मुताबिक पौधों में एक खास तरह के प्रकाश संवेदी ऊतक पाए जाते हैं, जो हवा-पानी की अंतरक्रिया के प्रकाशीय गुणों के जरिए प्रकाशीय ग्रेडिएंड बनाते हैं. इसी के माध्यम से पौधे यह जान पाते हैं कि सनलाइट किस डायरेक्शन से आ रही है. पौधे इस जानकारी का उपयोग कर खुद को सही स्थिति में कर लेते हैं. 


कई जीवों में भी होती है ये क्षमता
इस अध्ययन के एक रोचक बात सामने आई है कि कई जीव, सूक्ष्मजीव और कुछ जानवरों में भी यह क्षमता होती है कि वे प्रकाश के स्रोत की दिशा का पता लगा लेते हैं, जबकि उनमें आंख नहीं होती हैं. पौधों या बिना आंख वाले जीवों की इस क्षमता को फोटोट्रॉपिज्म कहते हैं. इससे ज्यादा रोशनी हासिल करके वे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया का ज्यादा से ज्यादा लाभ ले पाते हैं और प्रकाश से मिलने वाली ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदल पाते हैं. इसी अहम प्रक्रिया से हमारे लिए भोजन तैयार होता है.


हालांकि, वैज्ञानिकों फोटोटॉपिज्म प्रक्रिया और फोटोरिसेप्टर के बारे में पहले जानते थे, लेकिन प्रकाशीय तौर पर संवेदनशील पौधों के ऊतकों के प्रकाशीय विशेषताएं उनके लिए अब तक एक रहस्य ही थी, जिनसे इस स्टडी के माध्यम से स्पष्ट तरीके से समझा जा सकता है.