Medical Colleges Of India: एनएमसी ने मानकों का पालन नहीं करने पर मेडिकल कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. यह नोटिस देश के लगभग 50 प्रतिशत मेडिकल कॉलेजों को दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर...
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NMC Show Cause Notice To Medical Colleges: अगर आप मेडिकल की पढ़ाई करने जा रहे हैं, तो इस खबर को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने मेडिकल कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. यह नोटिस भारत के तकरीबन 50 प्रतिशत मेडिकल संस्थानों को एनएमसी द्वारा निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने के लिए जारी किया गया है. कहा जा रहा है कि एनएमसी मानकों का पालन नहीं करने पर देश भर के आधे मेडिकल कॉलेज अपनी मान्यता खो सकते हैं. आइए यहां जानते हैं क्या है पूरा मामला...
नेशनल मेडिकल कमीशन ने 349 मेडिकल कॉलेजों, 197 सरकारी सहायता प्राप्त और अन्य निजी कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक एनएमसी ने कहा है कि अगर कॉलेज गलती नहीं सुधारेंगे तो इन कॉलेजों में प्रवेश एक साल के लिए रोक दिया जाएगा.
नोटिस में क्या लिखा है?
मेडिकल कॉलेजों को जारी किए गए नोटिस में लिखा गया है, "आपका कॉलेज 2023-24 के लिए कॉलेज में चलाए जा रहे मौजूदा एमबीबीएस कोर्सेस के लिए जरूरी संकाय आवश्यकता (एमएसआर 2020) को पूरा करने में विफल रहा है. सक्षम प्राधिकारी द्वारा इसे गंभीरता से लिया गया है, इसलिए आपके कॉलेज को निर्देशित किया जाता है कि एमएसआर में निहित प्रावधानों के साथ-साथ एनएमसी द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन न करने के खिलाफ कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए."
इतने कॉलेजों की खत्म हुई मान्यता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान के बाड़मेर में मेडिकल कॉलेज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसके अलावा कई कॉलेज दिशानिर्देशों को पूरा नहीं करते हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक एमएसआर 2023 दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी संकाय और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की कम से कम 75 प्रतिशत अटेंडेंट जरूरी है. भारत में एनएमसी द्वारा निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने के कारण पिछले एक से दो महीनों में लगभग 40 मेडिकल कॉलेजों ने मान्यता खो दी है.
पहले भी की गई थी कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक नोटिस जारी करने से पहले मई में नियमों का पालन नहीं करने, कम फैकल्टी से जुड़ी खामियों और सीसीटीवी कैमरों से जुड़ी कई खामियों के आधार पर कार्रवाई की गई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2014 के बाद से मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर लगभग दोगुनी 654 हो गई है. वहीं, एमबीबीएस सीटों की संख्या भी बढ़कर 94 प्रतिशत हो गई है.