Motivational Story: पिता का कर्ज चुकाने के लिए मजबूरन सीखा था फिशबोट चलाना, अब उसी से देश के लिए गोल्ड लाने की तैयारी
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Motivational Story: पिता का कर्ज चुकाने के लिए मजबूरन सीखा था फिशबोट चलाना, अब उसी से देश के लिए गोल्ड लाने की तैयारी

पहले कावेरी की कोई पहचान नहीं थी, लेकिन 2017 में स्पोर्ट्स टैलेंट हंट में उनकी प्रतिभा सामने आई और इसके बाद एमपी वाटरस्पोर्ट्स एकेडमी में उन्होंने तैयारी शुरू कर दी. एक ऐसे खेल में जहां लंबा होना एक बड़ा फायदा माना जाता है, लेकिन कम कद वाली कावेरी ने साबित कर दिया है कि वह ज्वार के खिलाफ चल सकती हैं.

 

Motivational Story: पिता का कर्ज चुकाने के लिए मजबूरन सीखा था फिशबोट चलाना, अब उसी से देश के लिए गोल्ड लाने की तैयारी

नई दिल्ली. 17 वर्षीय कावेरी धिमार, जो कभी अपनी बहनों के साथ अपने पिता के कर्ज को चुकाने के लिए बांध के बैकवाटर में मछली पकड़ने के लिए नाव चलाती थी, अब भारत की शीर्ष महिला कैनोर्स में से एक हैं. कावेरी ने 31वीं राष्ट्रीय सीनियर कैनो स्प्रिंट चैंपियनशिप में मध्य प्रदेश के लिए सात स्वर्ण पदक जीता और अब वह 24 से 27 मार्च 2022 तक थाईलैंड में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी.

पहले कावेरी की कोई पहचान नहीं थी, लेकिन 2017 में स्पोर्ट्स टैलेंट हंट में उनकी प्रतिभा सामने आई और इसके बाद एमपी वाटरस्पोर्ट्स एकेडमी में उन्होंने तैयारी शुरू कर दी. एक ऐसे खेल में जहां लंबा होना एक बड़ा फायदा माना जाता है, लेकिन कम कद वाली कावेरी ने साबित कर दिया है कि वह ज्वार के खिलाफ चल सकती हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान कावेरी ने बताया कि यह हमेशा से मेरा सपना रहा है कि मैं भारतीय तिरंगे को वैश्विक कैनोइंग जल में प्रतिनिधित्व करूं. मेरी मेहनत की वजह से अब यह सपना सच हो गया है. 

कावेरी का परिवार मूलरूप से राजधानी भोपाल से करीब 40 किलोमीटर दूर सीहोर जिले के मंडी गांव में रहता है. कावेरी सात बहनों और दो छोटे भाइयों में पांचवें स्थान पर हैं. उनका परिवार मछुआरे समुदाय से हैं. उनके परिवार के पास कोई जमीन भी नहीं है. परिवार का खर्च मछली पकड़ने से आने वाले पैसे से चलता है. 

कावेरी के मुताबिक जब वह 2017 में अकादमी में शामिल हुईं, उससे पहले उनके पिता के ऊपर 45000 रुपए का कर्ज था. हालांकि, बहनों की मदद से मछली पकड़कर वह कर्ज चुकाने में कामयाब हुईं.

गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें 11 लाख रुपए का चेक भेंट किया. इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा "खेलते रहो, और जीतते रहो, हम हर कदम पर तुम्हारे साथ हैं,'' इस दौरान  वहां उपस्थित खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, जिन्हें कावेरी अपना "प्रेरक और संरक्षक" मानती हैं, ने कहा "कावेरी ने साबित कर दिया है कि जहां चाह है, वहां राह है. उन्होंने कई मौकों पर राज्य को गौरवान्वित किया है. वह अन्य के लिए मिसाल हैं.

वहीं, कावेरी ने कहा "यह सिंधिया जी के नियमित मार्गदर्शन और समर्थन कि ही देन है कि मैं इस स्तर पर पहुंच सकी हूं. क्योंकि मध्य प्रदेश वाटरस्पोर्ट्स अकादमी के बिना, यह संभव नहीं था," वहीं, यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि सीएम के इनाम से अन्य एथलीटों को प्रोत्साहन मिलेगा, सरकार उन्हें और अन्य एथलीटों को हर संभव मदद देगी.

 

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