Amitabh Bachchan: अमिताभ बच्चन ने 50 साल के सिनेमाई दौर में अपने जीवन तथा करियर में बहुत उतार चढ़ाव देखे हैं. अनुभव से वह कह चुके हैं कि अब फैन पहले जैसे नहीं रहे. उनका अंदाज पहले जैसा नहीं रहा. कैसा था अमिताभ का पुराना दौर और क्या करते थे उनके फैन, जानिए...
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Amitabh Bachchan Fans: समय के साथ सब कुछ बदल जाता है. फैन्स भी बदल जाते हैं. अगर नहीं भी बदलते, तो कम से कम उनके प्यार करने का अंदाज और उसकी अभिव्यक्ति बदल जाती है. दो साल पहले अमिताभ बच्चन ने खुद इस बात को अपने सोशल मीडिया (Social Media) में बयान किया था. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम (Instagram) पर करीब 40 साल पुराना एक फोटो शेयर किया था. जिसमें वह एक फैन को ऑटोग्राफ दे रहे हैं. फैन एक लड़की है और उनके चेहरे को देखकर बेहद खुशी से मुस्करा रही है. अमिताभ ने इस फोटो के साथ लिखा कि वो दिन चले गए हैं, जब फैंस अपना प्यार और प्रशंसा इस तरह व्यक्त करते थे. इस लड़के के चेहरे के भावों को देखिए. अब तो अगर आप खुशकिस्मत हुए, तो बस एक इमोजी भर मिल जाती है.
जंजीर से पहले और बाद में
वास्तव में एक दौर था, जब अमिताभ बच्चन के मुंबई (Mumbai) स्थित घर पर जूहू पोस्ट ऑफिस के डाकिये हर दिन कम से कम तीन बोरी भरकर पत्र पहुंचाया करते थे. इन पत्रों को तब फैन-मेल (Fan Mail) कहा जाता था. हालांकि जब तक जंजीर (Film Zanjeer) हिट नहीं हुई थी, तब तक उन्हें बमुश्किल एक दर्जन प्रशंसकों के पत्र मिले थे. जो खास तौर पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और विशेष रूप से उनके जन्म स्थान इलाहाबाद (Allahabad) से थे. मगर इस फिल्म ने हालात बदल दिए. जंजीर के बाद अमिताभ के लिए फैन मेल किसी बाढ़ की तरह पहुंचने लगे. जंजीर की सफलता के बाद स्थिति यह हुई जुहू पोस्ट ऑफिस से पोस्ट मैन उनके घर हर सुबह नियम से डाक लेकर पहुंचने लगा. जो दिन पर दिन बढ़ती चली गई और एक समय ऐसा आया जब बोरा भर कर चिट्ठियां पहुंचने लगी.
यह थी सामान्य बात
जंजीर से शुरू हुई यह सफलता इतनी बड़ी हुई कि एक समय आया जब दिन में तीन अलग-अलग पोस्टमैन दुनिया भर से फैन मेल के भरे बैग लेकर उनके बंगले (Amitabh Bachchan Bunglow) पर पहुंचने लगे. कुछ ही दिनों में इतने सारे पत्र एक सामान्य बात हो गई थी. अमिताभ ने अपने सभी फैन्स के पत्रों के देखने के लिए बाकायदा एक विभाग अपने ऑफिस में बनाया. जिसके लीडर वी रमन नाम के व्यक्ति थे. इस पूरी टीम का काम अमिताभ के लिए आई फैन मेल को पढ़ना और यह ध्यान रखना था कि हर व्यक्ति को जवाब पहुंचे. आप मानें या न मानें, अमिताभ अपने लगभग हर फैन के पत्र को पढ़ते थे. पत्र के बदले विभाग ने क्या जवाब लिखा, जांचते थे और खुद व्यक्तिगत रूप से चिट्ठी पर (Amitabh Bachchan Autograph) हस्ताक्षर करते थे. इसके लिए वह नियम से समय निकालते थे.
अब नया जमाना
बीते कुछ वर्षों में मोबाइल (Mobile) और कंप्यूटर (Computer) ने स्थिति बदल दी है. अब पहले की तरह डाक नहीं आती. लोगों ने पत्र लिखने लगभग बंद कर दिए हैं. सितारों से फैन्स की ज्यादातर बातचीत और संदेश का आदान-प्रदान सोशल मीडिया पर ट्विटर (Twitter) या इंस्टाग्राम (Instagram) पर हो जाता है. वह दौर कभी नहीं लौटेगा, जो कभी था. बड़े बोरों में भर कर जब सितारों के पास पत्र पहुंचते थे. अब ऑटोग्राफ भी शायद कोई कभी लेता है. सेल्फी (Selfiee) नए जमाने का चलन है. लेकिन सवाल यह कि क्या इनमें वैसा प्यार है, जो कभी चिट्ठियों में हुआ करता थाॽ