आयुष्मान खुराना करने जा रहे हैं ऐसी खुराफात, जानकर नहीं रोक पाएंगे हंसी
आयुष्मान खुराना ने कहा, `मैं अपने आप को कमरे में बंध करके किरदार की तैयारी नही करता. मेहनत करता हूं, पर बहुत मज़े से करता हूं`
नई दिल्ली: बधाई हो, अंधाधुन जैसी फिल्मों से लोगो को एंटरटेन करने वाले एक्टर आयुष्मान खुराना इस साल भी कुछ अलग करने की तैयारी में हैं. वैसे तो आयुष्मान को हमने कई बार प्रयोग करते देखा आयुष्मान इन दिनों आगामी फिल्म 'ड्रीम गर्ल' की शूटिंग में व्यस्त हैं, इस फिल्म में वो फिर एक बार अपने लुक, अपने किरदार के साथ एक्सपेरिमेंट करते दिखेंगे.
इस फिल्म में आयुष्मान साड़ी पहनेंगे और दो अलग आवाजों में डायलॉग बोलेंगे, एक लड़का और एक लड़की की.
आयुष्मान ने कहा,"ड्रीम गर्ल यूनिक फिल्म है, मेरी बाकी फिल्मों की तरह क्योंकि उस फिल्म में मुझे साड़ी पहनने का मौका मिला है. यह कहानी उस लड़के की है जो रामलीला में सीता का किरदार करता है. हमारे देश में ऐसा ही होता है, जितनी रामलीला होती है उसमें लड़के ही सीता का रोल करते है, तो मैं वो लड़का हूं. मैंने वेट रिड्यूज किया है, उसके लिए.
उसमे यूनिक टैलेंट है उसका की वो लड़का और लड़की दोनो की आवाज़ निकल सकता है."
अपने किरदार के लिए हर एक्टर अपने तरीके से तैयारी करता है. लेकिन आयुष्मान की फिल्मों की तरह उनका किरदारों की तैयारी करने का तरीका भी अलग है. वो बाकी मेथड एक्टर्स की तरह अपने आप को कमरे में बंद नहीं करते, बल्कि लोगों के बीच जाकर तैयारी करते हैं. आयुष्मान ने बताया, "मैं अपनी तैयारी के बारे में ज्यादा चर्चा नही करता. मेरी तैयारी बहुत नेचुरल होती है. मैं मेहनत करता हूं, पर बहुत मज़े से करता हूं. अपने आप को कमरे में कभी बंध नही करता हूं."
आयुष्मान आगे कहते है, "मैं जितनी जल्दी करैक्टर में घुस जाता हुँ उतनी जल्दी वापस निकल जाता हूं. कैमरा बंध है तो मैं नार्मल हो जाता हूं, वो करैक्टर अपने साथ घर लेकर नही जाता. मैं बहुत ज्यादा इंटेंस नही हो जाता हूं."
आयुष्मान अक्सर ऐसी स्क्रिप्ट्स चुनते हैं, जिसका कोई रेफेरेंस पॉइंट न हो. जिस कांसेप्ट पर पहले कभी फिल्म न बनी हो. फिर चाहे वो विक्की डोनर हो, शुभ मंगल सावधान या उनकी आने वाली फिल्म बाला, जिसमें आयुष्मान एक ऐसे लड़के के किरदार में होंगे जिसके समय से पहले बाल खत्म हो रहे हैं. आयुष्मान ने कहा," मैं कोशिश करता हूं कि ऐसी फिल्में चुनूं जो बहुत ही यूनिक हो जिसका कोई रेफेरेंस पॉइंट न हो इंडियन सिनेमा में. कुछ ऐसा करना चाहता हूं, जैसी फिल्म पहले कभी बनी न हो. और उस कांसेप्ट का कॉम्बिनेशन होना चाहिए एंटरटेनमेंट के साथ."