Dilip Kumar And Raaj Kumar: 1960 से 1990 के दशक तक हिंदी फिल्मों में दिलीप कुमार और राज कुमार का जलवा था. उनके सामने किसी एक्टर के लिए खड़ा रहना आसान नहीं था. लेकिन इन दोनों एक्टरों ने साथ-साथ सिर्फ दो फिल्में की. पहली फिल्म के दौरान ऐसा क्या हुआ था दोनों के बीच कि उन्होंने 36 साल साथ में काम नहीं किया.
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Bollywood Film Paigham: हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टरों की सूची में दिलीप कुमार और राज कुमार का नाम हमेशा शामिल होता है. लेकिन दोनों दिग्गज एक्टरों ने अपने लंबे करियर में सिर्फ दो ही फिल्मों में साथ-साथ काम किया. उनकी फिल्म पैगाम (1959/निर्देशक एस.एस. वासन और रामानंद सागर ) क्लासिक मानी जाती है और इसे लोग आज भी देखते हैं. इसके गाने सुनते हैं. जबकि साथ में दूसरी फिल्म 36 साल बाद आई थी, सौदागर. जिसके निर्देशक थे, सुभाष घई. लोग हैरान होते हैं कि आखिर क्यों दोनों एक्टरों ने बरसों तक साथ काम नहीं किया, जबकि वे मिलकर हिंदी को कुछ शानदार फिल्में तो दे ही सकते थे. असल में दोनों जब साथ में पहली फिल्म कर रहे थे, तभी एक घटना हो गई, जिसने दोनों के बीच ऐसी दीवार खड़ी कर दी, जो 36 बरस तक नहीं टूटी.
थप्पड़ की गूंज
1959 में आई फिल्म पैगाम के वक्त दिलीप कुमार बड़े स्टार थे, जबकि उन दिनों राज कुमार लगभग नए एक्टर थे. दोनों इस फिल्म में भाइयों की भूमिका में थे. राज कुमार बड़े और दिलीप कुमार छोटे भाई बने थे. फिल्म में एक सीन है, जब दोनों भाइयों के बीच तकरार होती है और इसी दौरान गुस्से से भरा बड़ा भाई छोटे को थप्पड़ मार देता है. राज कुमार एक्टिंग में परफेक्शन पर जोर देते थे और इस सीन में उन्होंने बिल्कुल बड़े भाई के अंदाज में दिलीप कुमार को इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि वह हिल गए. दिलीप कुमार को उम्मीद नहीं थी कि उनके स्टारडम को देखते हुए कोई एक्टर उन्हें इस तरह झन्नाटेदार थप्पड़ मार सकता है. उस सीन की शूटिंग के पैक-अप के बाद अगले दिन शूटिंग नहीं हुई क्योंकि दिलीप कुमार उस थप्पड़ की याद और उससे लगे सदमे से उबर नहीं सके थे.
मुश्किल से टूटी कसम
यह बात भी कभी साफ नहीं हो सकी कि राज कुमार ने दिलीप कुमार को उतने जोरदार ढंग से क्यों थप्पड़ मारा था. लेकिन इतना जरूर हुआ कि इस फिल्म के बाद दिलीप कुमार ने कसम खा ली कि राज कुमार के साथ कभी काम नहीं करेंगे. यह भी कहा जाता है कि दिलीप कुमार इस बात से नाखुश थे कि राज कुमार अपने अंदाज से हमेशा उन पर छाने की कोशिश करते हैं और यह बात उन्हें ठीक नहीं लगी. फिल्म देखते हुए आप महसूस कर सकते हैं कि भले ही दिलीप कुमार का परफॉरमेंस बहुत बढ़िया है, लेकिन अपने अंदाज से राज कुमार कई जगह उन पर भारी पड़ जाते हैं. खैर, इसके बाद कई फिल्मकारों ने दिलीप कुमार और राज कुमार को लेकर फिल्म की योजना बनाई, लेकिन वे सफल नहीं हुए. आखिर में निर्देशक सुभाष घई ने सौदागर में दोनों को साथ काम करने के लिए मना लिया. उन्होंने राज कुमार को समझाया कि उनके सामने सौदागर में दिलीप कुमार के अलावा कोई और एक्टर खड़ा नहीं हो सकता. फिर दिलीप कुमार से कहा कि राज कुमार उनके बड़े फैन हैं. दिलीप कुमार इस बात से खुश हुए और राज कुमार के साथ फिल्म करने को राजी हो गए.
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