Fighter Kissing Controversy: ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म ‘फाइटर’ के किसिंग सीन पर विवाद खड़ा हो गया है. फिल्म के मेकर्स को लीगल नोटिस मिला है. अब सोशल मीडिया भी दो धड़ों में बंटा दिखा. लेकिन क्या सच में फिल्म में आपत्तिजनक चीजें थीं? पढ़िए ये खास ओपिनियन.
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ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘फाइटर’ के किसिंग सीन पर विवाद छिड़ गया है. वैसे तो फिल्म की रिलीज को 15 दिन होने को है. मगर अब इसके कुछ सीन्स पर आपत्ति जताई गई है. हुआ ये कि असम में पोस्टेड विंग कमांडर सौम्यदीप दास ने सिद्धार्थ आनंद के निर्देशन में बनी फिल्म को लीगल नोटिस भेजा है. उन्होंने मानहानि का केस भी किया है. विंग कमांडर का कहना है कि फिल्म में मेकर्स ने वायुसेना को गलत तरीके से पेश किया गया है. इंडियन एयरफोर्स की यूनिफॉर्म में ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण को Kiss करता हुआ दिखाया गया है, जो कि वायुसेना से जुड़े लोगों की भावनाओं को आहात करता है.
इस लीगल नोटिस में कहा गया है कि वायुसेना पर फिल्म बनाना और उसमें ऐसे दृश्य डालना एकदम गलत है. इस वजह से ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों की छवि को खराब किया जा रहा है. जो वर्दी राष्ट्र का प्रतीक है, उसे 'फाइटर' में किसिंग सीन दिखाकर गलत तरीके से पेश किया गया है. शिकायतकर्ता ने मुआवजे और माफी की मांग की है.
'फाइटर' के किसिंग सीन पर बवाल
अब इस मसले को सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग तरीके से देख रहे हैं. एक धड़ा वही है, जो इसी ताक में रहता है कि कुछ हो तो वह बॉलीवुड पर ताना कस सके. मगर ढेर सारे ऐसे यूजर्स भी हैं जिनका मानना है कि 'फाइटर' में न तो किसी तरह की गंदगी फैलाई गई थी न ही अपमान किया गया है.
वायुसेना ने फिल्म को दिया था स्टैंडिंग ओवेशन
यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि 'फाइटर' जब रिलीज हुई थी तो मेकर्स ने पुणे से लेकर दिल्ली तक IAF ऑफिसर्स को फिल्म दिखाई थी. जहां एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी शामिल थे. सभी की ओर से फिल्म को स्टैंडिंग ओवेशन मिला था.
एक सीन से इतनी आपत्ति क्यों?
रही बात 'फाइटर' के किसिंग सीन पर तो फिल्म में वो सीन एकदम आखिर में आता है. जहां दो जवान अपनी जीत को सेलिब्रेट करते हैं. दोनों की पर्सनल लाइफ को दिखाया गया है कि कैसे वह तमाम उठापटक के बाद रिश्ते में आते हैं. तो आखिर इस एक सीन से इतनी आपत्ति क्यों?. जबकि पूरी फिल्म काफी साफ सुथरी थी. जो बिकिनी सॉन्ग भी था वो फिल्म खत्म होने पर डाला गया है जहां से क्रेडिट शुरू होते हैं. तो कहीं से भी ये वायुसेना के बलिदान पर तो चोट नहीं पहुंचाती है.
दिक्कत 'फाइटर' में नहीं, कहीं और है
कुल-मिलाकर फिल्म देश की जीत, जावानों की वीरता और जज्बे पर है. जिसे सिद्धार्थ आनंद ने ग्रैंड तरीके से दिखाया है. फिल्म देखकर गर्व होता है कि हमारे वायुसेना अधिकारियों ने किस तरह दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया था. फिल्म में बहुत सी चीजें हैं जिसपर गर्व करना चाहिए. न कि एक सीन के बहाने आर्ट पर ही सवाल खड़े कर दिए जाए.