नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के कामकाज को नियंत्रित करने से जुड़ीयाचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया. याचिका में इस तरह के प्लेटफॉर्मों के कामकाज को नियंत्रित करने के लिए सरकार की ओर से दिशा-निर्देश तैयार करने की मांग की गई थी. 


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मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारियों के बाद याचिका को खारिज कर दिया है. मंत्रालय ने बताया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को मंत्रालय से किसी भी प्रकार का लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है.


केंद्र सरकार के वकील विक्रम जेटली ने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सामग्री को मंत्रालय द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा रहा है. 


न्यायालय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह गैर सरकारी संस्था जस्टिस फॉर राइट्स फाउंडेशन की याचिका पर नोटिस नहीं जारी कर रहा है बस सिर्फ सरकार से याचिका पर उसकी प्रतिक्रिया मांगी है. एनजीओ ने आरोप लगाया था कि ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म "अप्रमाणित, अश्लील और भद्दे" सामग्री दर्शाते हैं.


(इनपुट - भाषा)