टाइपकास्ट से इसलिए नहीं डरते वरुण शर्मा! बोले- `बढ़िया फिल्म नहीं छोड़ सकता`
साल 2013 में आई फिल्म `फुकरे` से वरुण ने बॉलीवुड में कदम रखा. आज भी दर्शकों को इस फिल्म में उनके द्वारा निभाया गया चूचा का किरदार याद है...
नई दिल्ली: अभिनेता वरुण शर्मा अब तक जितनी भी फिल्मों में नजर आए हैं, उनमें दर्शकों ने उन्हें हंसी का तड़का लगाते हुए देखा है. इस पर उनका कहना है कि कॉमेडी स्पेस में ही बने रहने को लेकर उनमें कोई डर नहीं है. साल 2013 में आई फिल्म 'फुकरे' से वरुण ने बॉलीवुड में कदम रखा. आज भी दर्शकों को इस फिल्म में उनके द्वारा निभाया गया चूचा का किरदार याद है. इसके बाद वह 'डॉली की डोली', 'किस किस को प्यार करूं', 'राबता' और 'फुकरे रिटर्न्स' में नजर आ चुके हैं.
वरुण ने मुंबई से ईमेल के जरिए आईएएनएस को बताया, "मुझे टाइपकास्ट (एक ही जैसी भूमिकाएं निभाना) होने से डर नहीं लगता. अच्छे कंटेट, बैनर और निर्देशक की फिल्म का मिलना और उसमें काम करना बहुत बड़ी बात है. टाइपकास्ट होने जैसी बातें बहुत बाद में आती हैं."
उन्होंने कहा, "इसने मुझे वह नाम दिया है जो आज मेरे पास है. इसने दर्शकों के बीच मुझे स्वीकृति प्रदान की है. इसलिए इस शैली को छोड़ना या कुछ और करने मात्र के लिए इसे छोड़ देना कहीं न कहीं गलत होगा. साथ ही यह भी है कि अन्य शैली में, इससे अलग हटकर कुछ और करने का मेरा प्रयास जारी रहेगा."
वरुण ने यह भी कहा कि वह नई तरह की स्क्रिप्ट के इंतजार में हैं. वरुण ने इसके साथ यह भी बताया, "मैं इसे समझने की कोशिश कर रहा हूं और इसके लिए लोगों से मिल रहा हूं. कुछ ऐसी चीजें हैं जिस पर बात चल रही है और आने वाले साल में लोगों को मेरा एक अलग रूप देखने को मिलेगा. लेकिन यदि आप मुझसे पूछेंगे, तो मैं वाकई में टाइपकास्ट होने से नहीं डरता हूं. मुझे लोगों को हंसाना अच्छा लगता है." वरुण के पास अभी 'खानदानी शफाखाना', 'अर्जुन पटियाला', 'छिछोरे' और 'रूहअफजा' जैसी फिल्में हैं.